इंदौर : अपने ही पिच पर हिट विकेट IDCA …? 500 खिलाड़ी रजिस्टर्ड, पर ट्रेनिंग में सुविधाएं नहीं; प्रैक्टिस के लिए प्लास्टिक की बॉल तक खिलाड़ियों से मंगवा रहे

जिमखाना ग्राउंड पर एमपीसीए के सब-कैंप में टीन शेड के नीचे पैवर ब्लॉक के ऊपर प्रैक्टिस करते खिलाड़ी। यहां चोट लगने का खतरा है।
  • खिलाड़ियों से ही ट्रेनिंग के सामान के साथ ड्रिलिंग के लिए प्लास्टिक और टेनिस बॉल भी मंगवाई जा रही
  • आईडीसीए में 20 लाख रुपए का बजट है, लेकिन खिलाड़ियों को कोई सुविधा नहीं दी जा रही

इंदौर डिवीजनल क्रिकेट एसोसिएशन (आईडीसीए) के ट्रेनिंग कैंप में 50 से अधिक खिलाड़ी सुविधा के अभाव में प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह कैंप मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) का सब कैंप है। इस कैंप का शेड्यूल एमपीसीए के हिसाब से होता है। आईडीसीए में 20 लाख रुपए का बजट है, लेकिन खिलाड़ियों को कोई सुविधा नहीं दी जा रही है।

खिलाड़ियों से ही ट्रेनिंग के सामान के साथ ड्रिलिंग के लिए प्लास्टिक और टेनिस बॉल भी मंगवाई जा रही है। संगठन के पदों पर शहर के बड़े नेता काबिज हैं, बावजूद खिलाड़ियों को सीमित संसाधनों में ही ट्रेनिंग के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। आईडीसीए सभी डिवीजन में सबसे संपन्न संगठन है। यहां से कई ग्रामीण इलाकों या अन्य संगठनों को सुविधा पहुंचाई जाती है।

  • 57 साल पुराना संगठन
  • 20 लाख रुपए का बजट
  • 300 से अधिक खिलाड़ी नेशनल टीम में भेज चुका
  • 40 ए ग्रेड और 60 से अधिक बी ग्रेड क्लब इससे जुड़े हैं
  • 10 डिवीजन में इंदौर सबसे संपन्न संभाग
  • 13 दिन पहले 7 लाख रुपए की इनामी राशि से खिलाड़ियों को सम्मानित किया।
  • 500 से अधिक खिलाड़ी आईडीसीए से पंजीकृत हैं
  • नरेंद्र हिरवानी, अमय खुरासिया, नमन ओझा, वेंकटेश अय्यर और आवेश खान जैसे खिलाड़ी आईडीसीए ने ही तैयार किए
  • आईडीसीए डिस्ट्रिक्ट और क्लब स्तर पर मैचेस का आयोजन करता है

इनडोर एकेडमी नहीं, टीन शेड के नीचे ही ड्रिलिंग

यह कैंप बारिश में शुरू हुआ है और मैदान गीले हैं। मप्र टीम के लिए जो खिलाड़ी ट्रेनिंग ले रहे हैं, उन्हें इनडोर एकेडमी में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। संभागीय संगठनों के पास इनडोर एकेडमी नहीं है, ऐसे में खिलाड़ियों को टीन शेड के नीचे ड्रिलिंग कराई जा रही है। रनिंग के लिए यातायात गार्डन, जंपिंग के लिए नेहरू स्टेडियम के स्टेप पर फिटनेस ट्रेनिंग दी जा रही है। फिटनेस के लिए रबर बॉल, हाफ बैलेंस बॉल, बैलेंस स्टैंड, स्ट्रेच केबल, हैवी मेडिसिन बॉल का उपयोग होता है, लेकिन इस कैंप में कुछ नहीं दे रहे।

एमपीसीए को कई बार पत्र लिखे, जवाब नहीं मिला

आईडीसीए के ऑफिस के ऊपर खिलाड़ियों के लिए जिम बनाने का फैसला पिछली एजीएम में किया गया था, लेकिन वह काम भी अब तक शुरू नहीं हुआ है। सचिव देवाशीष निलोसे ने बताया संगठन ने एमपीसीए को कई बार पत्र लिखे, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। आईडीसीए ने फैसला किया है कि जहां पर कैंप संचालित होता है, उस जगह पर जिम तैयार किया जाएगा। खिलाड़ियों की शिकायतों के बारे में उन्होंने कहा- आईडीसीए में संसाधनों की कमी नहीं है। कैंप की माॅनिटरिंग एमपीसीए के माध्यम से होती है।

सालभर में 1 करोड़ रुपए खर्च करता है एसोसिएशन

आईडीसीए सब मिलाकर सालभर में करीब एक करोड़ रुपए खर्च करता है। इसमें डिस्ट्रिक्ट और क्लब स्तर पर होने वाला खर्च शामिल है। इसके अलावा अंपायर, कोच की फीस और कैंप का खर्च भी इस राशि में शामिल है।

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