लंच, डिनर की बुकिंग में धोखा ऑर्डर पेंट्री कर्मचारी लेते होटल से डिलेवरी
रेल में लंबी दूरी का सफर करने वालों से लंच, डिनर के नाम पर धोखा हो रहा
ग्वालियर। रेल में लंबी दूरी का सफर करने वालों से लंच, डिनर के नाम पर धोखा हो रहा है। फर्जीवाडा, पेंट्री कार के कर्मचारियों और होटल वालों की मिलीभगत से चल रहा है। लंच और डिनर का आर्डर तो पेंट्री कार का स्टाफ लेता है उसकी डिलेवरी होटल से की जा रही है। झांसे में फंसने वाले मुसाफिरों की परेशानी है, आर्डर में मंगाया खाना तो वही रहता है लेकिन उसकी क्वालिटी घटिया होती है। शिकायत पर करने पर आइआरसीटीसी और पेंट्री स्टाफ इसे मुसाफिरों की गलती बताकर पल्ला झाड़ता है।
रेल में मुसाफिरों से खाने के नाम पर फर्जीवाड़ा सरेआम किया जा रहा है। फरेब यात्रियों की समझ में तब आता है, जब उनके सामने आर्डर पर मंगाया घटिया खाना सामने रखा जाता है। लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं होता। पेंट्री स्टाफ खाने से अपना ताल्लुक नहीं होना बताकर इसे मुसाफिरों की गलती बता देता है। ठगे गए लोगों की मजबूरी होती है या तो घटिया खाना खाएं या फिर पेंट्री स्टाफ से दोबारा नया आर्डर बुक करें।
रेल में मुसाफिरों से खाने के नाम पर फर्जीवाड़ा सरेआम किया जा रहा है। फरेब यात्रियों की समझ में तब आता है, जब उनके सामने आर्डर पर मंगाया घटिया खाना सामने रखा जाता है। लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं होता। पेंट्री स्टाफ खाने से अपना ताल्लुक नहीं होना बताकर इसे मुसाफिरों की गलती बता देता है। ठगे गए लोगों की मजबूरी होती है या तो घटिया खाना खाएं या फिर पेंट्री स्टाफ से दोबारा नया आर्डर बुक करें।
ऐसे चल रहा फरेब
रेल में लंबी दूरी का सफर करने वाले ज्यादातर मुसाफिर लंच और डिनर पेंट्री कार से बुक करते है। पेंट्री स्टाफ मीनू के हिसाब से आर्डर, मुसाफिर की संख्या के साथ उसका सीट नंबर नोट करता है। लेकिन खाना पेंट्री से नहीं आता। बल्कि उसी आर्डर के हिसाब से उतनी ही संख्या में पैक्ड भोजन के पैकेट मुसाफिर के सामने पहुंचा दिए जाते है। खाने की डिलेवरी लाने वाला खुद को पेंट्री कार का कर्मचारी बताकर पेमेंट वसूलता है।
रेल में लंबी दूरी का सफर करने वाले ज्यादातर मुसाफिर लंच और डिनर पेंट्री कार से बुक करते है। पेंट्री स्टाफ मीनू के हिसाब से आर्डर, मुसाफिर की संख्या के साथ उसका सीट नंबर नोट करता है। लेकिन खाना पेंट्री से नहीं आता। बल्कि उसी आर्डर के हिसाब से उतनी ही संख्या में पैक्ड भोजन के पैकेट मुसाफिर के सामने पहुंचा दिए जाते है। खाने की डिलेवरी लाने वाला खुद को पेंट्री कार का कर्मचारी बताकर पेमेंट वसूलता है।
सामने आया फरेब, बदला खाना
दानाओली निवासी अशोक शर्मा ने बताया 26 जुलाई को मंगला लक्ष्यदीप टे्रन के बी-2 कोच से नासिक की यात्रा पर थे। पेंट्री कार से डिनर से बुक किया। आर्डर देने के 15 मिनट बाद खाना आ गया। डिलेवरी देने वाला पेमेंट ले गया। खाना ठंडा और घटिया था। पेंट्री कार से शिकायत की तो स्टाफ से इसे बाहर के होटल का खाना बताकर पल्ला झाड़ लिया। ऐसा कोच में सफर करने वाले कई मुसाफिरों के साथ हुआ तो हंगामा हुआ। रेल अधिकारियों से शिकायत की। तब पेंट्री कार स्टाफ ने गलती मानकर खाना बदला।
दानाओली निवासी अशोक शर्मा ने बताया 26 जुलाई को मंगला लक्ष्यदीप टे्रन के बी-2 कोच से नासिक की यात्रा पर थे। पेंट्री कार से डिनर से बुक किया। आर्डर देने के 15 मिनट बाद खाना आ गया। डिलेवरी देने वाला पेमेंट ले गया। खाना ठंडा और घटिया था। पेंट्री कार से शिकायत की तो स्टाफ से इसे बाहर के होटल का खाना बताकर पल्ला झाड़ लिया। ऐसा कोच में सफर करने वाले कई मुसाफिरों के साथ हुआ तो हंगामा हुआ। रेल अधिकारियों से शिकायत की। तब पेंट्री कार स्टाफ ने गलती मानकर खाना बदला।
इनका कहना है
मुसाफिर ने आर्डर बुक किया है उसी मीनू और उतनी ही संख्या में डिलेवरी बाहर से होना संदेहास्पद है। इसकी जांच की जाएगी। रेल यात्रियों से शिकायत मिली थी। ऐसा कैसे हो रहा है। इसका पता लगाया जा रहा है।
मुसाफिर ने आर्डर बुक किया है उसी मीनू और उतनी ही संख्या में डिलेवरी बाहर से होना संदेहास्पद है। इसकी जांच की जाएगी। रेल यात्रियों से शिकायत मिली थी। ऐसा कैसे हो रहा है। इसका पता लगाया जा रहा है।
सेंट्रल रेलवे पीआरओ, आनंद कुमार झा