ग्वालियर में पार्षदों की बाड़ाबंदी तेज …?

भाजपा पार्षदों के गुड़गांव जाने के बाद कांग्रेस, निर्दलीय व BSP पार्षद तीर्थ दर्शन को निकले…

  • 5 अगस्त को होना है सभापति के लिए चुनाव…

ग्वालियर में 57 साल बाद कांग्रेस का मेयर बनने के बाद अब परिषद पर कब्जा करना भाजपा-कांग्रेस दोनों के लिए जरुरी हो गया है। यही कारण है कि जोर अजमाइश आखिरी दौर में है और पार्षदों की बाड़ाबंदी तेज हो गई है। मंगलवार सुबह अपने 34 पार्षदों को लेकर जहां भाजपा दिल्ली के लिए निकली थी वहीं बुधवार शाम को कांग्रेस भी अपने 25 और निर्दलीय व BSF के सदस्यों के साथ तीर्थ दर्शन यात्रा पर निकली है। कांग्रेसियों ने यह तो नहीं बताया कि वह कहां गए हैं, प्रवक्ता सिद्वार्थ राजावत का कहना है कि जीत की खुशी में सभी पार्षद पिताम्बरा होते हुए ओरछा पहुंचे हैं, जबकि पार्षदों के राजस्थान ले जाने की भी खबर है।

तीर्थ दर्शन पर निकलने से पहले होटल में बैठे सभी पार्षद
तीर्थ दर्शन पर निकलने से पहले होटल में बैठे सभी पार्षद

नगर निगम ग्वालियर की परिषद किसकी बनेगी और सभापति कौन होगा यह 5 अगस्त को पता चल जाएगा। पर उससे पहले भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों में घमासान मचा हुआ है। एक-दूसरे के पार्षदों को लालच और ऑफर का दौर जारी है। ग्वालियर नगर निगम में 57 साल बाद कांग्रेस के महापौर के रूप में शोभा सिकरवार के चुने जाने के बाद अब सभापति के पद को लेकर भाजपा कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है। भाजपा ने अपने सभी 34 पार्षद दिल्ली कहकर भेजे थे, लेकिन पार्षदों को गुड़गांव हरियाणा के रेवाड़ी के पास किसी रिसोर्ट मंे उनको रखा गया है। अब वह 5 अगस्त की सुबह परिषद के समय ही लौटेंगे। पर इसी बीच भाजपा ने निर्दलीयों में सेंध लगा दी। एक पार्षद दीपक मांझी रात को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के साथ हरियाणा के लिए निकले हैं। भाजपा के एक निर्दलीय को तोड़ने के बाद कांग्रेस ने भी अपने पार्षदों की बाड़ाबंदी शुरू कर दी है। बुधवार शाम को कांग्रेस के सभी 25 पार्षद और तीन निर्दलीय और BSP का पार्षद सहित 29 पार्षद व दो समर्थक सहित सभी तीर्थ दर्शन यात्रा के लिए रवाना हो गए हैं।

सभापति के लिए भाजपा का पलड़ा भारी
-ग्वालियर नगर निगम में 66 में से भाजपा के 34 पार्षद जीते हैं जबकि एक निर्दलीय का भी उन्हें समर्थन है जबकि कांग्रेस और उसके समर्थकों की संख्या 31 बताई जा रही है। ऐसे में सभापति के पद पर भाजपा के पार्षद का चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है फिर भी आपसी फूट और खरीद-फरोख्त के चलते दोनों ही दल डरे हुए हैं इसीलिए वे अपने पार्षदों की बाड़ाबंदी कर रहे हैं, जिससे उनके पार्षद सुरक्षित रह सकें।

पार्षदों की बाड़ाबंदी का ट्रेंड देखने को मिल रहा
इस बार पंचायत चुनाव के बाद अब नगर निगम परिषद के चुनाव में भी बाड़ाबंदी का गजब ट्रेंड देखने को मिल रहा है। परिषद में बहुमत होने के बाद भी क्रॉस वोटिंग के डर से पहले भाजपा अपने पार्षदों को एक बस में भरकर दिल्ली ले गई थी। अब कांग्रेस ने भी आनन-फानन में अपने सभी पार्षदों को एक होटल में एकत्रित किया वहां से बस द्वारा धार्मिक यात्रा के नाम पर कांग्रेस के सभी पार्षद रवाना हो गए। इसमें तीन निर्दलीय और एक BSP का भी पार्षद शामिल है। कांग्रेस का दावा है कि उनके पास 29 लोगों का समर्थन है जिसमें 25 कांग्रेस के शामिल है। इसके अलावा तीन निर्दलीय एक बीएसपी का उन्हें समर्थन है। कांग्रेस ने कहा कि बाडा़बंदी की शुरुआत बीजेपी ने की है। उन्हें डर है इसलिए वह अपनी पार्षदों को लेकर दिल्ली रवाना हो गए। कांग्रेस ने कहा वो तो सिर्फ धार्मिक यात्रा पर जा रहे हैं। कांग्रेस विधायक और महापौर के पति सतीश सिकरवार भी इस दल के साथ रवाना हुए हैं।

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