MP के ढोंगी बाबा…पहले जीतते भरोसा, फिर लूटते अस्मत
भभूति तो किसी ने प्रसाद देकर किया रेप; जानें मिर्ची बाबा से लेकर अन्य ढोंगी बाबाओं की घिनौनी करतूतें….
भभूति देकर महिला से रेप करने वाला मिर्ची बाबा उर्फ वैराग्यानंद गिरि जेल में हैं। भोपाल के करीब रायसेन में रहने वाली महिला ने उस पर रेप का आरोप लगाया है। पीड़िता को शादी के 4 साल बाद भी बच्चे नहीं हो रहे थे। वो इलाज और झाड़-फूंक कराकर थक चुकी थी। पड़ोस की महिलाओं से उसे पता चला कि वैराग्यनंद गिरि उर्फ मिर्ची बाबा बहुत ज्ञानी है। तो वो भी बच्चे का आशीर्वाद लेने के लिए मिर्ची बाबा से मिलने पहुंची। तब संतान सुख का झांसा देकर मिर्ची बाबा ने घिनौना काम किया।
गुमराह करके दुष्कर्म करने की यह कहानी सिर्फ मिर्ची बाबा की नहीं है। भास्कर की टीम ने जब पड़ताल की तो पता चला कि संत-महंत से लेकर मौलवी, पादरी तक ने ब्लैकमेल कर महिलाओं से रेप किया है। जानिए मध्यप्रदेश के ऐसे ही बाबाओं के बारे जो अपनी करतूतों की वजह से जेल गए।
मिर्ची बाबा के बारे में जान लेते हैं…
मिर्ची बाबा का असल नाम राकेश दुबे है। मूल रूप से बिरखड़ी गांव (भिंड) का रहने वाला है। 1995 में ऑयल मिल में काम करता था। 1997 में अपने हिस्से की 4 बीघा जमीन बेचकर ट्रक खरीदा। घाटा हुआ तो ट्रक बेचकर गुजरात के अहमदाबाद चला गया। वहां प्राइवेट फैक्टरी में काम करने लगा। वहां से लौटा तो वह मिर्ची बाबा बन चुका था। मिर्ची बाबा मध्यप्रदेश के पूर्व CM दिग्विजय सिंह का करीबी माना जाता है। कमलनाथ सरकार में बाबा को राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ था।

पहले भी फंस चुका है जय मिश्रा
चित्रकूट तुलसी पीठ के उत्तराधिकारी रामचंद्र दास उर्फ जय मिश्रा के विरुद्ध स्टैंप चोरी के साथ ही शासन को लाखों रुपए की राजस्व क्षति मामले में जांच के आदेश हो चुके हैं। उत्तरप्रदेश के जिला चित्रकूट की कर्वी तहसील के ग्राम डिलौरा में विभिन्न गाटा संख्याओं की भूमि खरीदी में स्टैंप चोरी के साथ ही शासन को लाखों रुपए की राजस्व की चपत लगाई थी। इसकी शिकायत के बाद जांच की गई थी। आचार्य रामचंद्र दास तुलसी पीठ चित्रकूट में बचपन से रहा है। यहीं पर उसकी शिक्षा-दीक्षा हुई। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने संत समाज की मौजूदगी में अगस्त 2019 को रामचंद्र दास को तुलसी पीठ, दिव्यांग विश्वविद्यालय का उत्तराधिकारी घोषित किया था।
रीवा का रहने वाला है समर्थ त्रिपाठी
महंत सीताराम त्रिपाठी उर्फ समर्थ बहराइच के श्री राम जानकी मंदिर का प्रमुख था। सीताराम, ब्रह्मर्षि वेदांती जी महाराज (श्रीधाम अयोध्या) का भतीजा भी है। सीताराम मूलतः रीवा जिले का रहने वाला है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और विधानसभा स्पीकर गिरीश गौतम के साथ भी उसके फोटो हैं। वह उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के बड़े नेताओं और पुलिस अफसरों के संपर्क में था। इन फोटो को वह सोशल मीडिया पर शेयर करके रसूख दिखाता था।


आसिफ अजमेर से लौटकर बना बाबा
आसिफ पहले इंदौर में रहकर छोटे-मोटे काम किया करता था। 5 साल पहले अजमेर गया था। वहां से लौटा तो बाबा बन गया। झाड़-फूंक से लोगों के इलाज के दावे करने लगा।




जबलपुर में चौकीदारी करता था सुंदर बेन, चित्रकूट जाकर बन गया बाबा
गोरखपुर (जबलपुर) के रामपुर क्षेत्र का निवासी सुंदर बेन (55) जबलपुर शहर में राकेश अग्रवाल के पेट्रोल पंप पर चौकीदारी करता था। अक्टूबर में उसने पड़ोस में रहने वाली नाबालिग को अपने घर टीवी देखने बुलाया। उस समय उसके घर में कोई नहीं था। इसके बाद उसने किशोरी के साथ रेप किया। धमकाकर 4 बार और रेप किया। परिजन थाने पहुंचे, तो वह फरार होकर चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के तट पर रह रहे त्यागी बाबा के आश्रम पहुंच गया। यहां उसने खुद का नाम अनूप पटेल बताते हुए अनाथ बताया। तरस खाकर त्यागी बाबा ने उसे आश्रम में आश्रय दे दिया। तब से उसने दाढ़ी व बाल बढ़ाने शुरू कर दिए। वह प्रतिदिन सुबह चार बजे उठकर जाप करने लगा। तिलक व साफा पहन कर लोगों का भविष्य बांचने लगा था।
कभी तांगा चलाता था आसाराम
आसुमल थाउमल हरपलानी उर्फ आसाराम बापू पाकिस्तान के सिंध प्रांत का एक शरणार्थी था। विभाजन के बाद गुजरात के अहमदाबाद पहुंचा। शुरुआत में साइकिल रिपेयरिंग की दुकान खोली। तांगा भी चलाया। अपनी बायोग्राफी में तीसरी क्लास तक पढ़ाई करने की बात कही है। 70 के दशक में आसाराम ने अहमदाबाद शहर से 10 किलोमीटर दूर एक कस्बे में अपना पहला आश्रम शुरू किया था।