MP में भ्रष्टाचार की बाढ़ आई है…

कमलनाथ से बोले ग्रामीण-साहब! न घर बचा, न खेत:धार में ​​​​​​​लीकेज बांध देखने के बाद कमलनाथ ने कहा-MP में भ्रष्टाचार की बाढ़ आई है…

साहब, न घर बचा, न खेत… पहाड़ी पर पन्नी डालकर रहने काे मजबूर हैं। डैम के पानी ने हमारा सबकुछ छीन लिया। खेत पर खड़ी फसल नष्ट हो चुकी है। अब खेत में पत्थर ही पत्थर नजर आ रहे हैं। यहां तो अब जीवन भर फसल ही नहीं उगेगी। कैसे गुजर करेंगे। घर बहने के बाद अब कोई छत नहीं है… पत्नी-बच्चे समेत खुले में रह रहा हूं। आप ही कुछ मदद करें… यह पीड़ा है कारम डैम में सब कुछ गंवाने वाले ग्रामीणों की। मंगलवार को पूर्व सीएम कमलनाथ डैम का दौरा करने पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों ने उन्हें अपना दर्द बताया।

कमलनाथ से एक ग्रामीण ने कहा, डैम के पानी से नदी किनारे की मेरी 10 बीघा जमीन पर खड़ी फसल पूरी बह गई। अब बस पत्थर ही नजर आ रहे हैं। हालात ऐसे हो गए कि यहां पर अब कोई कमाई नहीं होगी। कमलनाथ ने पूछा अब क्या करोगे, तो बोले- जीवन भर अब खेती नहीं होगी। हमारे मकान भी गिर गए, अब क्या करेंगे। इस पर कमलनाथ ने कहा, आप जानते हैं बीजेपी की सरकार है। हमसे जो भी मदद होगी हम करेंगे।

गांव से गुजरते समय रास्ते में खड़ीं महिलाओं ने कमलनाथ को रोक लिया। वे बोलीं- गाय, बकरी के साथ जंगल में रहने को मजबूर हैं। सबकुछ खत्म हो गया। कमलनाथ ने पूछा, मुआवजा कुछ मिला। कोई गांव आया था क्या। सभी ने कहा- सुध लेने वाला कोई नहीं है। कमलनाथ ने पूर्व मंत्री डॉ विजयलक्ष्मी साधौ के साथ हेलीकॉप्टर से कारम नदी के क्षतिग्रस्त बांध और महेश्वर तहसील के प्रभावित गांवों का हवाई सर्वे भी किया।

पता नहीं प्रदेश में ऐसे कितने डैम बने हैं- कमलनाथ

कमलनाथ ने कहा, मैं प्रभावितों से मिला, उनके मकान, जमीन… सबकुछ चौपट हो गया है। यह प्रदेश में भ्रष्टाचार की जो व्यवस्था बनी है, उसका उदाहरण है। मुख्यमंत्री रहते मैंने ई-टेंडर को लेकर कार्रवाई शुरू की थी। शिवराज सरकार में हर ठेके में जब तक सौदा नहीं होता, तब तक कोई काम नहीं होता। इतनी सारी योजनाएं इसलिए रुकी हुई हैं, क्योंकि दलाली का सौदा जाे अब तक पूरा नहीं हुआ है। आज मिट्‌टी का डैम देखकर आश्चर्य हुआ। पता नहीं प्रदेश में ऐसे कितने डैम बने हैं। डैम ने प्रभावितों को जिंदगीभर के लिए बर्बाद कर दिया।

कमलनाथ ने बारिश के बीच ग्रामीणों से चर्चा की। इस बुजुर्ग का मकान बाढ़ में बह गया।
कमलनाथ ने बारिश के बीच ग्रामीणों से चर्चा की। इस बुजुर्ग का मकान बाढ़ में बह गया।

सरकार भ्रष्टाचार करके उसे इवेंट का रूप दे देती है- कमलनाथ
कमलनाथ ने कहा, शिवराज सरकार यह जानती है कि 14 महीने में कांग्रेस की सरकार बनने वाली है। डैम मामले में तो तत्काल केस दर्ज करवाना था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। डैम बनाने में ठेके पर ठेके चले। आज पंचायत से लेकर मंत्रालय तक भ्रष्टाचार पसरा पड़ा है। भ्रष्टाचार को लेकर जन-जन तक बात पहुंचाई जाएगी और आंदोलन किया जाएगा। कारम डैम पर तीन मंत्रियों की मौजूदगी पर बोले- भाजपा की सरकार भ्रष्टाचार करके उसे इवेंट का रूप दे देती है। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार की बाढ़ आई है और भ्रष्टाचार की दीमक लगी है।

बांध के निरीक्षण के बाद कमलनाथ प्रभावित गांवों का दौरा करने पहुंचे।
बांध के निरीक्षण के बाद कमलनाथ प्रभावित गांवों का दौरा करने पहुंचे।

कारम नदी पर बने डैम की स्थिति देखने पहुंचे हैं कमलनाथ
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मंगलवार काे धार जिले के धरमपुरी तहसील के कोठिदा गांव में कारम नदी पर बनाए जा रहे डैम देखने पहुंचे। करीब 15 मिनट तक बांध का सर्वे किया और फिर लोगों से बात की। इसके बाद वे प्रभावित परिवारों से मुलाकात करने गांव पहुंचे। नाथ सीधे दूधी गांव पहुंचे और लोगों से बात कर हालात को जाना। कांग्रेसियों ने इसे शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार का प्रमाण कहा।

बांध पहुंचकर निरीक्षण करते पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ।
बांध पहुंचकर निरीक्षण करते पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ।

क्या हुआ था…
कोठिदा गांव में कारम नदी पर 304 करोड़ रुपए की लागत से डैम का निर्माण किया जा रहा है। यह बांध करीब-करीब बनकर तैयार हो चुका था। 10 अगस्त को बांध में लीकेज की खबर आई। इसके बाद हड़कंप मच गया। प्रशासन ने धार जिले के 12 और खरगोन जिले के 6 गांवों को खाली करवाने के निर्देश दिए। 14 अगस्त को बांध की एक साइड की दीवार ढह गई और बांध का पानी कारम नदी से होते हुए नर्मदा में जाकर मिल गया। इस दौरान कुछ गांवों में नुकसानी हुई।

बांध पर दीवार फूट गई थी, जिससे पानी का बहाव तेज हो गया था।
बांध पर दीवार फूट गई थी, जिससे पानी का बहाव तेज हो गया था।

कारम बांध पर एक नजर

कोठिदा गांव में कारम मध्यम सिंचाई परियोजना का शिलान्यास एवं भूमिपूजन चार साल पहले जिले के तत्कालीन प्रभारी मंत्री अंतर सिंह आर्य ने किया था। डैम का निर्माण दिल्ली की कपंनी एओएस कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. कर रही है। 10 अक्टूबर 2018 से बन रहे इस डैम को 36 महीने में बनकर पूरा होना था। हालांकि कोरोना काल के चलते दो साल इसका काम बंद रहा। डैम का जल संग्रहण क्षेत्र 183.83 वर्ग किमी का होकर बांध की लंबाई 564 मीटर होकर चौड़ाई 6 मीटर है। जल भरण क्षमता 43.98 मीट्रिक घन मीटर रखी जाना है, लेकिन डैम में लीकेज होने के बाद दीवार काे काटकर पानी काे बहाया गया है।

कारम डैम के पानी में भांडाखो गांव के किसानों की फसल बह गई।
कारम डैम के पानी में भांडाखो गांव के किसानों की फसल बह गई।

जांच समिति भी सौंपेगी रिपोर्ट

कारम डैम में रिसाव शुरू होने के बाद कांग्रेस इस मामले में सरकार पर हमलावर नजर आई है। रिसाव के कुछ देर बाद ही पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट़वीट कर सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया था। अब कांग्रेस की तरफ से आठ सदस्‍यीय दल बनाया गया है। जिसमें धार जिलाध्‍यक्ष बालमुकुंदसिंह गौतम, गंधवानी विधायक उमंग सिंघार, कुक्षी विधायक सुरेंद्रसिंह हनी बघेल, इंदौर विधायक संजय शुक्‍ला, देपालपुर विधायक विशाल, सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल, धरमपुरी विधायक पांचीलाल मेड़ा, मनावर विधायक हीरालाल अलावा को शामिल किया गया था, सभी सदस्य निरीक्षण कर डैम की स्थिति देख चुके हैं। ऐसे में अब कांग्रेस नेता अपनी रिपोर्ट भी पूर्व मुख्यमंत्री को सौंपेंगे।

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