UP की जेलों में 30% बंदी डिप्रेशन में …?

कोई पहनता 14 कपड़े, तो कोई दीवार में मार लेता है सिर; 5 जेलों में काउंसिलिंग शुरू…

गोरखपुर सहित यूपी की जेलों में बंद 30% से ज्यादा बंदी डिप्रेशन के शिकार हैं। इनमें वे बंदी शामिल हैं, जिनसे उनके परिवार के लोग मिलने नहीं आते। या फिर जेल आने से पहले उनका अच्छा बैकग्राउंड रहा है। वह यहां आते ही अपराधियों और माफिया के बीच अजीबो-गरीब हरकतें कर रहे हैं।

गोरखपुर जेल में बंद कोई कैदी पेड़ पर चढ़ जाता है, तो कोई दीवार पर सिर मार लेता है। इसे देखते हुए गोरखपुर सहित यूपी की 6 जेलों में ऐसे बंदियों की काउंसिलिंग शुरू कराई गई है। इसकी जिम्मेदारी गोरखपुर की ‘स्माइल टीम’ को दी गई थी।

गोरखपुर जेल में इसका बेहतर रिजल्ट देखते हुए DG जेल आनंद कुमार ने स्माइल टीम को अब लखनऊ, आगरा, अयोध्या, गाजियाबाद और प्रयागराज जेल के बंदियों की काउंसिलिंग की जिम्मेदारी दी है।

जेल सुपरिनटैंडैंट ओपी कटियार ने बताया, ''जेल में बंद 30% से ज्यादा बंदी डिप्रेशन के शिकार हैं।
जेल सुपरिनटैंडैंट ओपी कटियार ने बताया, ”जेल में बंद 30% से ज्यादा बंदी डिप्रेशन के शिकार हैं।

स्माइल टीम को दी गई जिम्मेदारी
गोरखपुर के जेल सुप्रीटेंडेंट ओपी कटियार ने बताया, ”जेल में बंद 30% से ज्यादा बंदियों की स्थिति मानसिक रोगियों जैसी हो गई है। जेल की तरफ से इनका इलाज भी कराया गया। मगर, स्माइल रोटी बैंक के आजाद पांडेय ने अप्रैल महीने से गोरखपुर जेल में बंदियों की काउंसिलिंग शुरू की थी।”

पहले 65, फिर 300 बंदियों की हुई काउंसिलिंग
पहले उन्हें 65 ऐसे बंदियों की लिस्ट दी गई, जो अजीब हरकतें करते थे। इनमें से ज्यादातर का मानसिक संतुलन खराब हो रहा था। स्माइल टीम के काउंसिलिंग के बाद अब इन बंदियों में काफी सुधार हुआ। यह देख और बंदी भी स्माइल टीम के पास आकर अपनी प्रॉब्लम्स शेयर कर रहे हैं।

अब तक टीम ने यहां पर 300 से अधिक बंदियों की काउंसिलिंग की है। इसका काफी फायदा देखने को मिला। अब यहां बंद 2 हजार 384 बंदियों की काउंसिलिंग करवाने का निर्देश दिए गए हैं।

आइए अब आपको रूबरू कराते हैं 3 केसों से…

केस:1

14 कपड़े पहनता था बंदी
चौरीचौरा का रहने वाला एक बंदी गोरखपुर जेल में ढाई साल से बंद है। उस पर अपनी मां की हत्या का आरोप है। जेल प्रशासन के मुताबिक यहां आने के बाद कुछ दिनों तक तो वह गुमसुम रहता था। मगर, फिर अजीबो- गरीब हरकतें करने लगा।

वह इस कदर मानसिक तनाव से गुजर रहा था कि रोज 14 कपड़े पहने रहता था। कभी हंसता, तो कभी जेल अधिकारियों को सैल्यूट करता। मगर, काउंसिलिंग के बाद अब उसने टी-शर्ट पहनना शुरू कर दिया है। ढेर सारे कपड़े पहनने की वजह से उसे स्किन रोग भी हो गया था।

केस:2

जेल में चिल्लाता था खुंखार बंदी
करीब दो साल से गोरखपुर जेल में हत्या और लूट के आरोप में बंद एक बंदी रात में जोर-जोर से चिल्लाता था। 4 बार वह लंबी-लंबी जेल काट चुका है। इस बार अपने पिता की हत्या कर जेल आया है। इस खुंखार बंदी की जेल में मानसिक रोग की भी दवा चल रही थी। काउंसिलिंग के बाद उसकी दवा बंद हो गई। साथ ही उसकी हरकतों में भी सुधार आया है।

केस:3

डिप्रेशन का शिकार हो गया था गोल्ड मेडलिस्ट
फिजिक्स से M.SC. कर गोल्ड मेडल पाने वाला एक युवक भी हत्या के आरोप में जेल में बंद है। उससे कोई मिलने नहीं आता है। इस वजह से वह डिप्रेशन का शिकार हो गया था। जेल में कहीं भी किनारे अकेले बैठे-बैठे वो अपने में बड़बड़ाता रहता था। कभी दीवार में सिर मारता था।

स्माइल टीम की काउंसिलिंग के बाद वो एक फिर किताबें पढ़ने लगा है। अन्य लोगों से बातचीत भी करता है। काउंसिलिंग के साथ ही जेल प्रशासन ने उसे अनपढ़ कैदियों को पढ़ाने की भी जिम्मेदारी सौंपी है।

गोरखपुर जेल में इसका बेहतर रिजल्ट देखते हुए DG जेल आनंद कुमार ने स्माइल टीम को अब यूपी की 5 प्रमुख जेलों के बंदियों की काउंसिलिंग की जिम्मेदारी दी है।
गोरखपुर जेल में इसका बेहतर रिजल्ट देखते हुए DG जेल आनंद कुमार ने स्माइल टीम को अब यूपी की 5 प्रमुख जेलों के बंदियों की काउंसिलिंग की जिम्मेदारी दी है।

स्माइलिंग जेल प्रोजेक्ट के तहत शरू की पहल
महानिदेशक कारागार आनंद कुमार ने बताया, ”जेलों में ज्यादातर बंदी डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। ऐसे बंदियों को काउंसिलिंग की जरूरत है। स्माइल टीम की काउंसिलिंग से गोरखपुर जेल के बंदियों में काफी सुधार देखने को मिला। इसे देखते हुए स्माइल टीम को यूपी की 5 प्रमुख जेलों में काउंसिलिंग करने की जिम्मेदारी दी गई है।”

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