जम्मू कश्मीर: दूसरे राज्यों के छात्रों को वापस भेजा गया, अचानक बदले हालात से डरा पाकिस्तान पहुंचा संयुक्त राष्ट्र

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में अचानक बदले हालात से पाकिस्तान की हालत खराब हो गई है. पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में गुहार लगाई है कि एलओसी पर हालात बिगड़ रहे हैं. हड़बड़ाहट में पाकिस्तान खुद ही कह रहा है कि भारत की ओर से आतंकी हमले की आशंका के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र को यह चिट्टी पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने लिखी है. बता दें कि शनिवार को सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी. भारतीय जवानों ने पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) की तरफ से की जा रही घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए पांच से सात घुसपैठियों को ढेर कर दिया. केरन सेक्टर में मारे गए घुसपैठियों में पाकिस्तानी सेना के जवान और आतंकी भी शामिल हैं. सरकारी सूत्रों का कहना है कि जम्मू कश्मीर में 15 अगस्त से पहले आतंकी बड़े हमले की फिराक में हैं इसी मद्देनजर सारे कदम उठाए जा रहे हैं.

 

जम्मू कश्मीर में स्थानीय नागरिकों से लेकर पर्यटक तक सभी परेशान दिख रहे हैं. पहले भारी तादाद में सुरक्षाबलों को कश्मीर भेजा गया और उसके बाद शुक्रवार को सरकार ने एक ऐसी एडवाजरी जारी कर दी जिससे लोगों की घबराहट और बढ़ गई. जम्मू-कश्मीर के प्रिंसिपल सेक्रटरी (होम) की तरफ से जारी सिक्यॉरिटी अडवाइजरी में अमरनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से ‘यात्रा की अवधि कम करने’ और ‘जल्द से जल्द लौटने’ को कहा गया है. दलील दी गई कि ऐसा अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले की खुफिया जानकारी मिलने की वजह से किया गया है.

 

अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त तक चलनी थी लेकिन जम्मू कश्मीर गृह विभाग की एडवायजरी के बाद सारे बेस कैंप खाली हो रहे हैं. किश्तवाड़ जिले में 43 दिन तक चलने वाले मचैल मठ यात्रा को भी निलंबित कर दिया गया है. जम्मू में प्रशासन ने अमरनाथ यात्रियों के लिए लगे लंगरों को अगले दो दिनों में समेटने को कहा है. इस आदेश के बाद लंगर वाले बोरिया बिस्तर समेटने में लगे हैं. अमरनाथ यात्री निवास परिसर में लगे एकलौते लंगर में भी सामान समेटने का काम शुरू हो गया है. एडवायजरी जारी होने के बाद पर्यटक भी अपनी यात्रा बीच में रोककर वापस लौट रहे हैं. श्रीनगर एयरपोर्ट पर ऐसे लोगों की भारी भीड़ हो गई है, जो वापसी की टिकट के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.

 

घाटी में फैले तनाव का असर छात्रों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है. एनआईटी श्रीनगर में पढ़ाई करने वाले बाहर के छात्रों को घर भेज दिया गया है. छात्रों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर ये फैसला लिया है. श्रीनगर की मशहूर डल झील में हाउस बोट में ठहरे विदेशी पर्यटकों को भी पुलिस वापस भेज रही है. पर्यटकों के वापस जाने से शिकारा और हाउस बोट संचालक गुस्से में हैं. इनका कहना है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, इससे हमारा व्यापार प्रभावित हो रहा है.

 

सरकार ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों के कर्मचारियों को बिना अनुमति छुट्टी नहीं देने का आदेश भी जारी किया गया है. कश्मीर गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रों को तुरंत हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि अगले आदेश तक हॉस्टल की सुविधा छात्रों के लिए उपलब्ध नहीं रहेगी. इसी बीच राज्य सरकार ने कुपवाड़ा के अस्पताल में मेडिकल कंट्रोल रूम बनाने का आदेश दिया है.

 

शनिवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मांग की कि सरकार सोमवार को संसद में इस मुद्दे पर स्थिति साफ करे. पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सभी पार्टियों के कार्यकर्ताओं को एकजुट होना चाहिए ताकि यह संदेश जाए कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के साथ नहीं खेल सकती. कश्मीर के हालात को देखते हुए ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है.

कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग की है. पिछले दिनों में राज्य में बड़ी संख्या में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती और उसके बाद अमरनाथ यात्रा रोके जाने को लेकर हैरानी जताते हुए कांग्रेस ने केंद्र सरकार से स्थिति साफ करने को कहा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद के दोनों सदनों में इस पर वक्तव्य देना चाहिए. कांग्रेस के कर्ण सिंह ने भी अमरनाथ यात्रा को बंद किए जाने पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इससे शिवभक्तों को धक्का लगा होगा. कर्ण सिंह ने पूछा कि अमरनाथ जी की पवित्र गुफा तक छड़ी ले जाई जाती है, क्या उसपर भी रोक लगा दी गई है?

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