शिवपुरी में 17 करोड़ की लागत से बना बांध टूटा, नरोत्तम मिश्रा ने किया था उद्घाटन

मध्य प्रदेश में इन दिनों झमाझम बारिश हो रही है. बारिश के चलते नदी, नाले, ताबाल और पोखरे सब उफान पर हैं. शिवपुरी जिले में भी बारिश के चलते कई नदी-नाले तेजी के साथ बह रहे हैं.
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में शिवराज सरकार में हो रहे विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है. बदरवास तहसील के बढोखरा गांव में बना तालाब/बांध टूट गया. बांध के टूटने से आसपास के कई गावों में पानी घुस गया और किसानों की फसलें बर्बाद करने की वजह भी यह बांध का पानी बन गया. इस बांध को बनाने के लिए सरकार ने 17 करोड़ से भी ज्यादा पैसे खर्च किए थे.

भ्रष्टाचार की खुली पोल

17 करोड़ से भी ज्यादा लागत से बने इस बांध के टूटने से मध्य प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है. गांव के लोगों का कहना है कि बांध बनाने वाले ठेकेदार ने बारिश के दिनों में बांध बनाया, जिससे मिट्टी गीली थी. यही कारण है कि मिट्टी कमजोर पढ़ गई. आगे उन्होंने यह भी कहा कि बांध बनाने के दौरान ठेकेदार ने काफी लापरवाही दिखाई. साथ ही उसने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार भी किया. बांध के टूटने से तालाब का पानी हमारे घरों और खेतों में घुस गया, जिससे फसलें बर्बाद हो गईं.

500 हेक्टर जमीन सिंचाई करने के लिए मिलती

इस बांध का उद्घाटन 2017 में हुआ था. 17 करोड़ से भी ज्यादा की लागत से बने इस बांध का उद्घाटन भाजपा सरकार में रहे उस वक्त के जल ससाधन मंत्री नरोत्तम मिश्रा के हाथों हुआ था. इस तालाब के जरिये 500 हेक्टरयर जमीन सिंचाई करने के लिए वहां रह रहे किसानों को मिलती है.

बांध से 825 किसानों का फायदा

अगर यह तालाब न टूटा होता तो बड़ोखरा, बायिगा, अजलपुर और बेरखेड़ी में रहने वाले तकरीबन 825 किसानों का फायदा होता. इस बांध के जरिये गांव का जल स्तर में भी सुधर होता. यह सब फायदे वहां के लोग देखते. इससे पहले ही बांध भ्रष्टाचार में डूब गया.

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