MCD में बदल गया सीटों का गणित, मोदी सरकार ने घटाई 22 सीटें; अब बचीं सिर्फ 250

विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि एमसीडी चुनाव के लिए दिल्ली की जनता तैयार है. अब जबकि 250 सीटें तय हो चुकी हैं, हम दावे के साथ कह रहे हैं कि 10 सीटें भी भाजपा की नहीं आएंगी. आम आदमी पार्टी 240 प्लस सीटें जीतेगी.
.केंद्र की मोदी सरकार ने दिल्ली  निगम में सीटों की कुल संख्या 272 से घटाकर 250 निर्धारित कर दी है. दिल्ली गजट अधिसूचना में शनिवार को यह जानकारी सामने आई. अधिसूचना में कहा गया कि एमसीडी में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 42 तय की गई है. दिल्ली में पहले के तीन नगर निगम में कुल 272 वार्ड थे. उत्तरी और दक्षिणी निगर निगम में 104-104 वार्ड थे और पूर्वी नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में 64 वार्ड थे.
AAP जीतेगी 240 प्लस सीटें

एमसीडी की सीटें 272 से 250 करने के गजट नोटिफिकेशन पर दुर्गेश पाठक ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि टाइम बाउंड तरीके से डिलिमिटेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और जल्दी चुनाव होंगे. दिल्ली में साफ-सफाई की व्यवस्था गड़बड़ हो चुकी है. हमारी अपील है कि हिमाचल और गुजरात के विधानसभा चुनाव के साथ एमसीडी के चुनाव कराए जाएं. हम तैयार हैं और दिल्ली की जनता तैयार है. अब जबकि 250 सीटें तय हो चुकी हैं, हम दावे के साथ कह रहे हैं कि 10 सीटें भी भाजपा की नहीं आएंगी. आम आदमी पार्टी 240 प्लस सीटें जीतेगी.

LG साहब सुबह उठकर जांच शुरू कर देते हैं

आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के एलजी महाभ्रष्टाचारी आदमी हैं. हर सुबह उठकर एक नई इंक्वायरी शुरू करते हैं. उनकी नियत साफ है कि उन्हें हर ठेके में कमीशन चाहिए. यह तो हमसे नहीं हो पाएगा. वे भ्रष्ट के साथ निकम्मे भी हैं. कुछ भी साइन करते चले जा रहे हैं. जिस मुद्दे पर आज इंक्वायरी की बात कही है, उसी पर पुराने एलजी कमेटी के जरिए जांच का आदेश देकर क्लीन चिट दे चुके हैं. संकेत साफ है कि ठेकेदारों को इन्हें बताना है कि कट कहां पहुंचाना है.

दिल्ली को ईमानदार और पढ़ा-लिखा LG चाहिए: AAP

विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि हमारी जांच करा लो, लेकिन अपनी भी तो जांच कराओ. आपके हेड कैशियर ने लिखकर दिया था कि आपके कहने पर अनियमितता बरती गई. बेटी को ठेका दे दिया. गलत तरीके से कर्मचारियों को कैश में पेमेंट किया. इन सबकी जांच नहीं कराने दे रहे. दिल्ली को एक ईमानदार और पढ़ा-लिखा एलजी चाहिए, जिसे फाइलें पढ़ना आता हो. इसलिए हमारी केंद्र से अपील है कि इन्हें हटाकर नया एलजी दीजिए.

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