जिला अस्पताल में इलाज के लिए मरीजों को करना पड़ता है इंतजार ..!

जिला अस्पताल में इलाज के लिए मरीजों को करना पड़ता है इंतजार
घंटों इंतजार के बाद जांच के लिए पहुंचे तो पता चला ईसीजी मशीन है खराब

भिण्ड. जिला अस्पताल में दूर दराज से आने वाले लोगों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। जिसके कारण कई लोग बिना इलाज कराए ही वापस लौटने को मजबूर हैं। मंगलवार को ईसीजी मशीन खराब होने से मरीजों को लोटना पड़ा। वहीं अस्पताल के वार्डों में भीड़ अधिक होने से मरीजों को जमीन पर लेटकर इलाज कराना पड़ रहा है।

बाहर करवाना पड़ी ईसीजी

मरीज ईसीजी के लिए दो से तीन घंटे इधर -उधर भटकते रहे। कभी इस वार्ड में तो कभी उस वार्ड में। जब सही वार्ड में पहुंचे तो पता चला ईसीजी मशीन खराब पड़ी है। जिससे मरीजों को निजी क्लीनिक और अस्पताल में जाकर ईसीजी करवाना पड़ी।

महिला और पुरुष वार्ड में पैर रखने की जगह नहीं

अस्पताल में इस समय फीमेल और मेल वार्ड में पैर रखने जगह नहीं है। जमीन पर इलाज किया जा रहा है। दूर गांवों से आए मरीजों ने बताया कि ओपीडी के लिए सुबह से खड़े हो जाते हैं। तब कहीं 2 से 3 घंटे में पर्चा बनाता है। उसके बाद डॉक्टर वार्ड के राऊंड पर होते हैं, जिससे वहां भी घंटों इंतजार करना पड़ता है।

भर्ती होने के लिए पलंग नहीं

बिना इलाज के वापस लौट रहे मरीज

मरीजों व परिजनों का कहना

जिला अस्पताल में डॉक्टर तक पहुंचने में घंटों लग जाते हैं। मजबूरन गांव में ही झोला छाप डॉक्टरों को दिखाना पड़ता है। जिसके पास पैसे हैं वह निजी अस्पताल में जाता है।

विनोद

आज ईसीजी की मशीन खराब हो गई थी। जिसे सुधरवा लिया है। अब दिक्कत नहीं आएगी। बाकी व्यवस्था के हिसाब से सभी का इलाज किया जा रहा है।

डॉ अनिल गोयल, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल भिण्ड

खांसी जुकाम की दवाई के लिए जिला अस्पताल आए हैं। ओपीडी में पर्चा बनवाने के लिए एक घंटा लग गया है। अभी लाइन में ही हैं। डॉक्टर तक पहुंचने में कितना समय लगेगा यह पता नहीं है।

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पर्चा बनवाने के लिए एक घंटे से लाइन में खड़े हुए हैं। महिलाओं के पर्चा बनवाने के काउंटर और बढ़ाए जाने चाहिए। बीमार होने के कारण इतनी देर खड़े नहीं हो पा रहे।

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मेल वार्ड में भी जगह नहीं।

फीमेल वार्ड का ये हाल।

पर्चा बनवाने लगी कतार।

डॉक्टर का इंतजार करते हुए।

घर वापस जा रहे हैं

पत्नी को दिखाने लाए शिवकरण निवासी सकराया फूप ने पत्रिका को बताया कि सुबह 10 बजे से पर्चा बनवाने लाइन में लगे हैं। पर्चा बना तो डॉक्टर के पास पहुंचा। उन्होने ईसीजी काराने का लिख दिया। फिर वार्ड तीन में पहुंचा। जहां बोला गया कि दूसरी मंजिल पर कमरा नंबर 20 में जाओ। वहां गया तो कहा कि मशीन खराब है। फिर डॉक्टर के पास आया तो उन्होने कहा बिना ईसीजी के इलाज नहीं होगा। भर्ती होने के लिए वार्ड में पहुंचे, तो जगह खाली नहीं होने की बात कही गई। अब हम वापस जा रहे हैं।

किसी निजी क्लीनिक पर दिखाएंगे। शिवकरण जैसे कई मरीज ऐसे थे, जो बिना इलाज कराए लौट गए …..

 

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