बच्चों की जिंदगी से खुलेआम खिलवाड़!
बच्चों की जिंदगी से खुलेआम खिलवाड़! नियमों को ठेंगा दिखा भिंड की सड़कों पर दौड़ रहे स्कूली ऑटो
भिंड में स्कूली वाहनों द्वारा बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ लगातार जारी है। ऑटो में क्षमता से अधिक बच्चे ठूंस ठूंसकर बैठा लिए जाते हैं। ना बैग रखने की जगह होती और ना ही पकड़ने के लिए रॉड।
मध्य प्रदेश के भिंड में स्कूली वाहनों द्वारा बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ लगातार जारी है। ऑटो में क्षमता से अधिक बच्चे ठूंस ठूंसकर बैठा लिए जाते हैं। ना बैग रखने की जगह होती और ना ही पकड़ने के लिए रॉड। जरा सा झटका लगे तो बच्चे नीचे गिर सकते हैं। स्कूल आते-जाते हर दिन हादसे का डर बना रहता है।
बच्चों की सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे को लेकर ना तो प्रशासन संवेदनशील है न बच्चों के परिजन। चंद रुपये बचाने के चक्कर में अभिभावक वाहन चालक से सवाल जवाब करना तक उचित नहीं समझते। यही वजह है कि स्कूल बस हो या फिर ऑटो, सुरक्षा मानकों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। शहर में काफी संख्या में स्कूले है। यहां बच्चों को लाने, ले-जाने की व्यवस्था आटो और वैन पर छोड़ दी गई है। जिनमें सुरक्षा इंतजाम ना के बराबर होते हैं। तीन सीटर ऑटो में दस से बारह बच्चे बैठाए जाते हैं। कुछ बच्चों को तो ड्राइवर अपनी सीट पर बैठा लेते हैं। हैरानी की बात तो यह कि ज्यादातर ऑटो में दरवाजा तक नहीं है। यदि किसी बच्चे का संतुलन बिगड़ जाए या फिर उसका हाथ छूट जाए तो वह ऑटो से बाहर गिरकर हादसे का शिकार हो सकता है।
खुले रहते हैं ऑटो के दोनों गेट
बड़ी संख्या में ऑटो में सुरक्षा इंतजामों की अनदेखी की जा रही है। ऑटो में दोनों तरफ गेट खुले रहते है, जिन्हे बंद नही कराया जातां जिससे हादसे होने का डर बना रहता है। इनमें स्पीड गवर्नर, फर्स्ट एड बॉक्स सहित अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं रहतीं। स्पीड गवर्नर नहीं होने के चलते अक्सर ऑटो चालक छोटे-छोटे बच्चों को ऑटो में बैठाकर तेज गति से फर्राटा भरते नजर आते हैं और जिम्मेदार बेपरवाह।
कार्रवाई के नाम महज खानापूर्ति
स्कूल बसों के लिए निर्धारित गाइडलाइन का पालन न करने वालों पर कार्रवाई के नाम पर हमेशा खानापूर्ति की जाती है। भोपाल में जहां बसों में मासूम के साथ दुष्कर्म की घटना हुई तो वहीं कई बार स्कूल बसों में हादसे हो चुके हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ खानपूर्ति ही करते हैं।
ये है स्कूल वाहन की गाइडलाइन●
● बस पर स्कूल का नंबर और नाम साफ तरीके से लिखा होना चाहिए।
● स्कूल बस में 2कैमरे लगे होना चाहिए साथ ही जीपीसी सिस्टम भी होना चाहिए। ●
● स्कूल वाहन का रंग पीला हो।
● स्पीड गर्वनर लगा होना चाहिए।
● फर्स्ट एड बॉक्स हो।
● विंडों पर ग्रिल होनी चाहिए।
● वाहन में आपात गेट होना चाहिए।
● वाहन पर इमरजेंसी नंबर लिखा होना चाहिए।
● चालक-परिचालक हो।
● स्कूल वाहन में अग्रिशामक यंत्र होना चाहिए।
● बैग रखने का स्थान हो।