MP की हेल्थ सुविधा में 5 साल से सुधार नहीं …… 19 बड़े राज्यों में नीचे से तीसरे स्थान पर; हमसे नीचे सिर्फ यूपी-बिहार

नीति आयोग के देशभर के सभी राज्यों के हेल्दी स्टेट्स प्रोगेसिव इंडिया 2019-20 की रिपोर्ट में मध्य प्रदेश 19 बड़े राज्यों की सूची में 17वें स्थान पर है। वहीं, सूची में नीचे से तीसरी पोजीशन है। हमसे नीचे सिर्फ बिहार और यूपी ही है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि नीति आयोग की हेल्थ रिपोर्ट में पिछले 5 साल से प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाएं बीमार की स्थिति में ही चल रही हैं। 17 और 18वें स्थान पर ही हम टिके हुए हैं। जबकि कई अन्य राज्य लगातार बेहतर प्रदर्शन करते जा रहे हैं।

नीति आयोग द्वारा हर साल देशभर के छोटे से लेकर बड़े प्रदेशों की स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति, उपलब्धता और सरकारी प्रशासन की व्यवस्था को लेकर रिपोर्ट तैयार की जाती है। सोमवार को आयोग ने हेल्दी स्टेट्स प्रोगेसिव इंडिया की हेल्थ इंडेक्स राउंड -4 (2019-20) को जारी किया है। इसमें 19 बड़े राज्यों में हेल्थ फैसेलिटीज, गर्वमेंट एफर्ट और रिजल्ट के पैमाने पर रैंकिंग की जाती है। मध्य प्रदेश इस रिपोर्ट में इस बार भी 19 बड़े राज्यों की सूची में 17वें स्थान पर रहा। इससे पहले भी मप्र ओवरऑल रिफ्रेंस ईयर रैंक में 18वें पोजीशन पर ही था।

नीति आयोग की हेल्थ रिपोर्ट रैंकिंग के अनुसार 2015-16 में भी मध्य प्रदेश 17वें, 2017-18 में 18वें, 2018-19 में 18वें और 2019-20 में 17वें स्थान पर ही रहा है। नीति आयोग ने अब तक हेल्थ इंडेक्स को लेकर पिछले 5 साल में 4 राउंड ओवरऑल हेल्थ परफॉर्मेस रिपोर्ट बनाई है।

गर्भ निरोधक अपनाने के प्रयास में सबसे फिसड्‌डी
इस रिपोर्ट में देशभर के बड़े राज्यों में गर्भ निरोधक प्रयास दर (Modern contraceptive prevalence rate) में हमारी स्थिति खराब है। 19 बड़े स्टेट में मप्र की पोजीशन 18वें नंबर पर है। हमसे बेहतर काम बिहार, यूपी, झारखंड और ओडिशा का है। इस सूची में मप्र से नीचे तेलंगाना है। इसके अलावा टीबी जैसी बीमारी के रोकथाम की सक्सेस रेट में हम इस सूची में 19वें स्थान पर सबसे नीचे हैं।

हर तरह के टीकाकरण में भी हम 13वें नबर पर
पूर्ण टीकाकरण की स्थिति में बड़े स्टेट्स में हमारी पोजीशन 13वें नंबर पर रही है। पहले नंबर पर तेलंगाना है, जहां 100 फीसदी पूर्ण टीकाकरण किया गया। इसके बाद महाराष्ट्र में 98.94 फीसदी, आंध्र प्रदेश 98.87 और झारखंड में 96.54 फीसदी और मध्य प्रदेश का 90.98 फीसदी रहा।

मातृ मृत्यु दर भी नहीं रोक पा रहे, इसमें नीचे से 5वां स्थान

इस रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में मातृ मृत्यु दर में हमारी पोजीशन 15 वें नंबर पर है। पिछले 2018-19 की रिपोर्ट से हम नीचे चले गए हैं। पिछले बार इसमें 188 पॉइंट्स थे, जो घटकर अब 173 हो गए हैं। हमसे अच्छे परिणाम देने वालों में छत्तीसगढ़ एक नंबर पर, उत्तराखंड, पंजाब और केरल रहे हैं।

अस्पताल में डिलीवरी कराने में भी असफल, 16 वें नंबर पर
प्रदेश में संस्थागत या अस्पतालों में डिलीवरी कराने के मामले में भी हम पीछे रहे हैं। इसमें मप्र का स्थान 16वें नंबर (66.33 फीसदी) पर है। सबसे बेस्ट रिजल्ट तेलंगाना (96.31 %), केरल (92.29%), महाराष्ट्र (91.19%) व गुजरात (86.13%) है।

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