स्कूल वाहनो में खुलेआम बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ …!

स्कूल बसों में न तो लगे कैमरे और न ही है जीपीएस, खुलेआम बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ ..

भिण्ड. भोपाल में नर्सरी में पढ़ने वाली साढ़े तीन साल की छात्रा के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद जहां भोपाल में पुलिस और प्रशासन ने स्कूली बसों और अन्य वाहनों के खिलाफ जहां जांच पड़ताल की जा रही है। वहीं जिले में प्रशासन, परिहवन और पुलिस विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिले में संचालित स्कूलों बसों में खुले आम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।

जिले में 200 स्कूल बस और 500 छोटे वाहनों से छात्रों का परिवहन किया जाता है। इसको ेलेकर सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी की हैं जिसके तहत बच्चो की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। लेकिन स्कूल संचालकों की मनमानी के चलते बच्चों की सुरक्षा दांव पर लगी हुई है। स्कूल बसों में न तो कैमरे लगे हैं और न ही जीपीएस सिस्टम। वहीं कई तो अनफिट ही दौड़ रही हैं।

निर्धारित से अधिक संख्या में बैठा रहे बच्चे

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित स्कूल वाहनों की फिटनेस सहित अन्य नियमों के पालन संबंधी निगरानी परिवहन विभाग नहीं कर रहा है। यही कारण है कि स्कूल वाहनों में मनमानी की जा रही है। निर्धारित से अधिक संख्या में बच्चों को बैठाया जा रहा है। जिले में संचालित स्कूलों में 200 बसों का पंजीयन है। वहीं छोटे वाहनों की संख्या करीब पांच सौ से अधिक है। उनकी जांच भी नहीं का जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति अधिक खराब है। स्कूल वाहनों के अलावा जीप व अन्य वाहनों से भी स्कूल के बच्चों को लाने ले जाने का काम किया जा रहा है।

कार्रवाई के नाम महज खानापूर्ति

स्कूल बसों के लिए निर्धारित गाइडलाइन का पालन न करने वालों पर कार्रवाई के नाम पर हमेशा खानापूर्ति की जाती है। भोपाल में जहां बसों में मासूम के साथ दुष्कर्म की घटना हुई तो वहीं कई बार स्कूल बसों में हादसे हो चुके हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ खानपूर्ति ही करते हैं।

ये है स्कूल वाहन की गाइडलाइन●…

● बस पर स्कूल का नंबर और नाम साफ तरीके से लिखा होना चाहिए।

● स्कूल बस में 2कैमरे लगे होना चाहिए साथ ही जीपीसी सिस्टम भी होना चाहिए। ●

● स्कूल वाहन का रंग पीला हो।

● स्पीड गर्वनर लगा होना चाहिए।

● फर्स्ट एड बॉक्स हो।

● विंडों पर ग्रिल होनी चाहिए।

● वाहन में आपात गेट होना चाहिए।

● वाहन पर इमरजेंसी नंबर लिखा होना चाहिए।

● चालक-परिचालक हो।

● स्कूल वाहन में अग्रिशामक यंत्र होना चाहिए।

● बैग रखने का स्थान हो।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *