ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में व्यवसायिक गतिविधियां बंद …!

विरोध में आज संघर्ष समिति ने ताजगंज बंद करने का आह्वान …

ताजमहल के 5 सौ मीटर की दूरी तक की सभी दुकानें बंद रहेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है। एडीए ने सर्वे से पहले दुकानें बंद करने को नोटिस जारी कर दिया है। इसके विरोध में आज संघर्ष समिति ने ताजगंज बंद करने का आह्वान किया है।

इसके बाद लोग ताजगंज से केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल के निवास का घेराव करेंगे। केंद्रीय मंत्री से मुफ्त वकील मुहैया करवाने की मांग करेंगे। संघर्ष समिति ने किसी तरह का चंदा नहीं लेने की बात कही है। समिति प्रशांत भूषण समेत कई सीनियर वकीलों से मुफ्त पैरवी के लिए बात कर रही है। वीकेंड पर पर्यटकों की भीड़ लगने पर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ताजमहल के आस-पास दुकानें बंद होने से पर्यटक परेशान हैं।
ताजमहल के आस-पास दुकानें बंद होने से पर्यटक परेशान हैं।

“संघर्ष समिति नहीं लेगी चंदा”
संघर्ष समिति के अध्यक्ष गाइड नितिन सिंह ने बताया, “इस बार किसी भी मद के लिए समिति कोई चंदा नहीं लेगी। हम प्रशांत भूषण समेत कई बड़े वकीलों से बातचीत का प्रयास कर रहे हैं। जो भी व्यक्ति बिना शुल्क 30 हजार परिवारों की मदद करने को तैयार होगा। वही हमारी अपील दाखिल करेगा। आज हमने ताजगंज बन्द का आह्वान किया है। केंद्रीय मंत्री आगरा के सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल से हम अपने लिए सरकारी वकील की मांग करेंगे।”

स्थानीय निवासी ताहीरुद्दीन ने बताया, “यह सब एडीए की वसूली के चलते हुआ है। लिखा पढ़ी में 5 सौ के लगभग अवैध निर्माण हुए हैं। जब पहला निर्माण हुआ, तो कार्रवाई नहीं हुई। इसको देखकर लगातार अवैध निर्माण होने लगे। 100 मीटर की परिधि में ही 100 के लगभग अवैध निर्माण हुए हैं। अब 30 हजार परिवारों के ऊपर रोजी रोटी का संकट आ गया।

एडीए ने जारी किया नोटिस
सामिति के अध्यक्ष नितिन ने बताया, “एडीए ने अभी सर्वे पूरा नहीं किया है। कर्मचारियों को 7 दिन के अंदर काम खत्म करने को कहा गया है। इसी बीच अपनी पीठ थप-थपाने के लिए उन्होंने 17 अक्टूबर तक प्रतिष्ठानों को बंद करने का फरमान जारी कर दिया है। अभी उन्हें ही नहीं पता है की 500 मीटर की परिधि कहां तक लागू होगी।”

भुतहा हो जाएगा शाहजहां का नगर
स्थानीय निवासी अकबर ने बताया, “आज तक देश में कहीं भी इस तरह का नियम नहीं लागू है। 500 मीटर के क्षेत्र में बिजनेस नहीं होने से पर्यटक पानी के लिए तरस जाएंगे। 30 हजार परिवारों को नमक का लेने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ेगी। पर्यटक पैदल लंबा सफर तय करेंगे। लपके और परेशान करेंगे।”

लोगों ने दुकानों के बाहर पोस्टर चिपका कर विरोध जताया है।
लोगों ने दुकानों के बाहर पोस्टर चिपका कर विरोध जताया है।

5 गांवों की मुश्किलें और बढ़ी
ताजमहल के दशहरा घाट के पास से नगला पैमा समेत 5 गांव पहले ही नियमों के चलते परेशान हैं। यहां टॉयलेट बनवाने को लेकर भी मशक्कत करनी पड़ती है। परिवार में पास नहीं होने पर बाइक भी नहीं खरीद सकते। कार नहीं ले सकते हैं। स्कूल से लेकर अस्पताल तक का इंतजाम नहीं है। स्थानीय निवासी रंजीत के अनुसार अब नए नियम के बाद, तो जीना मुश्किल हो जाएगा। जरूरत का सामान भी मिलना मुश्किल हो जाएगा।

ताजमहल बनने से पहले बसा था ताजगंज
इतिहासकार राजकिशोर ने कहा, “ताज महल बनने से पहले ही ताजगंज बसाया गया था, जिससे यहां मजदूरों को उनकी जरूरत की चीजें मिल सकें। ताजमहल के अंदर मेले लगते थे। तमाम दुकानें थीं। समय के साथ बदलाव होते रहे हैं।”

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