IAS ऑफिसर दीपक सिंह को बड़ी जिम्मेदारी, ग्वालियर-चंबल संभाग के नए कमिश्नर बने …

 उच्च शिक्षा विभाग के अपर आयुक्त दीपक सिंह को मिली बड़ी जिम्मेदारी…।

भोपाल। 2007 बैच के आइएएस आफिसर दीपक सिंह (ias deepak singh) को ग्वालियर-चंबल संभाग (gwalior chambal) का कमिश्नर बनाया है। वहीं ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक कर्मवीर शर्मा को उच्च शिक्षा विभाग में अपर आयुक्त बनाया है। इनके आदेश सोमवार को दोपहर में जारी हो गए हैं।

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राज्य शासन ने सोमवार को दो आइएएस आफिसर के तबादले जारी किए हैं। इनमें 2007 बैच के आइएएस अधिकारी दीपक सिंह को ग्वालियर और चंबल संभागों का कमिश्नर बनाया है। दीपक सिंह उच्च शिक्षा विभाग भोपाल में अपर आयुक्त और आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे। भोपाल आने से पहले दीपक सिंह 4 सितंबर 2021 तक सागर कलेक्टर (sagar collector) थे। अब सिंह के पास ग्वालियर के साथ ही चंबल संभाग के कमिश्नर की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी रहेगी।

कर्मवीर शर्मा संभालेंगे उच्च शिक्षा

ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक कर्मवीर शर्मा को अब उच्च शिक्षा विभाग के अपर आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई है। 2010 बैच के आइएएस आफिसर कर्मवीर शर्मा अपर आयुक्त के साथ ही ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक का पद भी संभालेंगे। शर्मा इसके अतिरिक्त उप सचिव मध्यप्रदेश शासन, ऊर्जा विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी संभालेंगे। प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

2007 बैच के आइएएस आफिसर दीपक सिंह मूलतः मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता एसपी सिंह शासकीय इन्दिरा गांधी गृह विज्ञान कन्या महाविद्यालय शहडोल (Government Indira Gandhi Home Science Girls College Shahdol) के प्राचार्य रह चुके हैं। दीपक सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा (Education) शहडोल के अर्बन बेसिक स्कूल (Urban Basic School ) से हासिल की है। दीपक सिंह सागर कलेक्टर रहते हुए काफी चर्चित रह चुके हैं। उन्होंने कोरोनाकाल में स्कूली छात्रों को आधुनिक तरीके से शिक्षण सुविधा के लिए कंप्यूटर, प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने स्मार्ट क्लास की सौगात दी थी। जिससे शिक्षक भी चाक, डस्टर रहित उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान करने लगे।

चर्चित हुई थी उनकी पंक्तियां

उच्च शिक्षा विभाग में अपर आयुक्त की भूमिका निभाने वाले दीपक आयुक्त फेसबुक पर अपनी पंक्तियों के लिए भी चर्चित रह चुके हैं। उन्होंने एक बार लिखा था कि – बात सह गए तो रिश्ते रह गए, बात कह गए तो रिश्ते ढह गए। प्रशासनिक विश्लेषकों ने इसे आइएएस आफिसरों को नौकरी का फलसफा समझाने वाला बताया था। सागर कलेक्टर से उच्च शिक्षा विभाग में भेजने के बाद यह पंक्तियां ब्यूरोक्रेसी में काफी दिनों तक चर्चाओं में रही।

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