कालेजों में करीब पांच हजार शिक्षकों के पद खाली, शैक्षणिक व्यवस्था हो रही है प्रभावित

प्रदेश के 524 सरकारी स्कूलों में 61 विषयों में करीब 12 हजार 87 शिक्षकों के पद स्वीकृत है, लेकिन पांच हजार 146 पद खाली हैं। वहीं छह हजार 941 पद लाइब्रेरियन, खेल अधिकारी सहित अन्य विषयों के शिक्षक हैं।

भोपालप्रदेश के कालेजों में नई शिक्षा नीति के तहत प्रथम व द्वितीय सत्र में करीब 250 से अधिक नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। कई नए व्यावसायिक पाठ्यक्रम को भी लागू किया गया है। प्रदेश के 524 सरकारी स्कूलों में 61 विषयों में करीब 12 हजार 87 शिक्षकों के पद स्वीकृत है, लेकिन पांच हजार 146 पद खाली हैं। वहीं छह हजार 941 पद लाइब्रेरियन, खेल अधिकारी सहित अन्य विषयों के शिक्षक हैं। ऐसे में कालेजों में कई विषयों के शिक्षक ना होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसके अलावा कालेजों में प्रभारी प्राचार्य पदस्थ होने के कारण भी शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इससे कालेजों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुए तीन माह का समय बीत चुका है, लेकिन नए पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की व्यवस्था नही हो सकी है। वहीं प्रदेश के 14 विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 1942 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 1428 पद खाली है। यह बात अभी हाल में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा किए गए समीक्षा में सामने आई है। इसमें यह तय किया गया है कि जल्द ही रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी।

प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 1428 पद खाली

प्रदेश के 14 विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 1942 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 1428 पद खाली है। इससे विश्वविद्यालयों में चल रहे पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए शिक्षक उपलब्ध नही हैं। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों की संख्या कम हो रही है। इसमें बरकतउल्ला विश्वविद्यालय(बीयू) में 142 पद शिक्षकों के खाली है। वहीं भोज मुक्ता विश्वविद्यालय में भी दस से अधिक पद खाली है। अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विवि में 27 पद स्वीकृत हैं, लेकिन अभी हाल में 18 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ था, लेकिन भर्ती पूरी नहीं हो पाई है।

राजधानी के कालेजों की स्थिति

राजधानी के कुछ कालेजों में कुछ विषयों के ही शिक्षक हैं। ऐसे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बहु संकाय लेने वाले विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है। राजधानी में भी कालेजों में कई विषयों के शिक्षक नहीं हैं। इसमें हमीदिया आर्ट एंड कामर्स कालेज में विज्ञान विषय के शिक्षक नहीं हैं। वहीं एमवीएम कालेज में कामर्स और आर्ट विषय के शिक्षक नहीं हैं। इस कारण यहां बहुसंकाय लेने वाले विद्यार्थियों को बहुत परेशानी हो रही है। नूतन कालेज में सात हजार छात्राएं अध्यनरत हैं, लेकिन शिक्षकाें की कमी है। इस कारण अतिथि विद्वान के भरोसे कई पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। नूतन कालेज में 110 पद स्वीकृत हैं। इसमें से आठ पद खाली है।

 

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