IAS अधिकारी जितेंद्र नारायण को गृह मंत्रालय ने किया निलंबित, बलात्कार के लगे हैं आरोप

वरिष्ठ IAS अधिकारी जितेंद्र नारायण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। गृह मंत्रालय इस संबंध में एक शिकायत मिली थी जिसके बाद उनके खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
  • वरिष्ठ IAS ऑफिसर जितेंद्र नारायण सस्पेंड
  • AGMUT 1990 बैच के हैं IAS अधिकारी
  • महिला के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप

गृह मंत्रालय ने आज AGMUT कैडर के वरिष्ठ IAS अधिकारी जितेंद्र नारायण को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। मंत्रालय को 16 अक्टूबर को अंडमान और निकोबार पुलिस से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तत्कालीन मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण और अन्य द्वारा एक महिला के कथित यौन उत्पीड़न के संबंध में एक रिपोर्ट मिली थी। जितेंद्र नारायण AGMUT 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं।

गृहमंत्री ने दिए सख्त कार्रवाई

इस रिपोर्ट में IAS जितेंद्र नारायण की ओर से गंभीर कदाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग की संभावना के संकेत को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ कानून के अनुसार तत्काल सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद IAS जितेंद्र नारायण को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही का आदेश दिया गया है।

fIR दर्ज, आपराधिक मामले में अलग से कार्रवाई

केंद्र सरकार अपने अधिकारियों की रैंक और स्थिति पर ध्यान दिये बिना उनके अनुशासनहीनता के कृत्यों के प्रति, खासकर महिलाओं की गरिमा से जुड़ी घटनाओं के संबंध में, जीरो टॉलरेंस सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मामले में FIR दर्ज कर ली गई है और अंडमान एवं निकोबार पुलिस की एसआईटी द्वारा आपराधिक मामले में अलग से कार्रवाई की जा रही है।

महिला से यौन उत्पीड़न के आरोप
बयान के अनुसार, मंत्रालय को रविवार को अंडमान और निकोबार पुलिस से नारायण और अन्य द्वारा एक महिला के कथित यौन उत्पीड़न के संबंध में एक रिपोर्ट मिली थी, जब वह द्वीपसमूह के मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत थे। बयान के अनुसार रिपोर्ट में 1990 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अधिकारी नारायण द्वारा गंभीर कदाचार और सरकारी पद के दुरुपयोग का संकेत दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ कानून के अनुसार तत्काल सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बयान में कहा गया है कि नारायण को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया गया है।

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