भिण्ड. शहर से पांच किमी दूर रछेड़ी गांव के पास रतनूपुरा में नवीन जेल का निर्माण कार्य 15 साल में पूरा नहीं हो पाया है। बजट के अभाव में एक साल से निमार्ण एजेंसी पीआईयू ने कार्य बंद कर दिया है। दोबारा कार्य शुरू करने के लिए 8 करोड़ 27 लाख की जरूरत है। इसके लिए रिवाइज एस्टीमेट शासन को भेजा गया है लेकिन वित्त विभाग में 13 माह से फाइल अटकी हुई है। वहीं पुरानी जेल गत वर्ष जुलाई माह में ढह गई थी। जिला जेल का भवन तैयार न होने के कारण कैदियों को गोहद, मेहगांव, लहार की उपजेल के साथ ग्वालियर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया है।
जिला जेल की पुराना भवन ध्वस्त शहर के बीचों-बीच स्थित जिला जेल में पिछले साल दूसरी मंजिल की बैरक की छत भरभराकर गिर गई थी। घटना में कुछ कैदी भी घायल हुए थे। इसके बाद अभी तक पुरानी जेल को सही नहीं किया गया है। इसके अलावा पुरानी जेल शहर के बीचों-बीच आ गई है। जिसे पूर्व में नवीन जेल का भवन तैयार कर कैदियों को शिफ्ट करने की योजना बनी थी, लेकिन अभी तक नई जेल का निर्माण पूरा
रछेड़ी गांव के पास रतनूपुरा में वर्ष 2006 में शुरू हुआ कार्य
गत वर्ष गिरी थी पुरानी जेल की बैरक, कई कैदी हुए थे घायल
फैक्ट फाइल
नवीन जेल में महिला-पुरुष के लिए अलग-अलग है बैरक।
500 कैदियों की रहेगी क्षमता
वर्ष 2006 में शुरू किया गया था निर्माण कार्य
6 माह का कार्य है शेष
लापरवाही ने बढ़ाया बजट
नवीन जेल का निर्माण कार्य वर्ष जून 2006 में साढ़े चार करोड़ रुपए की लागत से पीआईयू ने शुरू कराया था। इसके बाद 17 जनवरी 2008 में निर्माण के लिए बजट की राशि 4.48 करोड़ और बढ़ाई गई। कुल बजट 8 करोड़ 98 लाख 55 हजार रुपए हो गया था, लेकिन इस बजट में भी जिला जेल का काम पूरा नहीं हो सका। ऐसे में एक बार फिर से जेल का निर्माण कार्य रोक दिया गया। 6 जून 2016 को हुई बैठक के अनुमोदन के बाद वर्ष 2016-17 में जिला जेल के शेष कार्यों के लिए वित्तीय व्यय समिति ने 14 करोड़ 14 लाख 97 हजार रुपए की राशि बढ़ाकर कुल बजट 23 करोड़ 13 लाख 52 हजार की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई थी। बावजूद 6 सालों में जेल का काम पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में सितंबर 2021 को निर्माण एजेंसी पीआइयूू ने बजट 23.13 करोड़ की जगह 8.27 करोड़ बढ़ाकर 31 करोड़ 40 लाख रुपये की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अभी तक शासन से बजट स्वीकृत नहीं किया गया है।
दो बार बैठक हुई भंग
पीआइयू ईई पंकज सिंह परिहार का कहना है कि बजट स्वीकृत को लेकर प्रशासन के जेल विभाग की दो बार बैठक आयोजित की गई लेकिन दोनों ही बार बैठक भंग हो गई। जेल में उच्च अधिकारियों ने निरीक्षण कर अतरिक्त बाउंड्रीवॉल, बैरक का विस्तार आदि कार्यो को करने के निर्देश जारी किए थे। लेकिन बजट नहीं मिलने के कारण 11 माह से काम बंद कर दिया है।
6 माह का कार्य है शेष
अािधकारियों के अनुसार नवीन जेल निर्माण के लिए बजट मंजूर होने के छह माह में कार्य पूरा कर लिया जाएगा। पुरानी जिला जेल में 276 कैदियों की क्षमता थी, लेकिन रछेड़ी गांव के पास करीब 40 हेक्टेयर में बनाई जा रही नई जिला जेल की क्षमता 500 कैदियों की है। जेल में खुला क्षेत्र भी रहेगा। साथ ही जेल स्टाफ के लिए आवास से लेकर हर तरह की सुविधा रहेगी।
इसमें महिला और पुरुष कैदियों के लिए अलग कमरे बनाए जा रहे हैं ….