आप जिले के कलेक्टर हैं, राजा नहीं…:!
शिवपुरी कलेक्टर के आदेश पर हाईकोर्ट की टिप्पणी …
आप जिले के कलेक्टर हैं, राजा नहीं…।
यह टिप्पणी मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने की। वे शिवपुरी में आदिम जाति कल्याण विभाग में वरिष्ठ संयोजक रहे राजकुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। दरअसल, शिवपुरी कलेक्टर अक्षय सिंह ने जिला संयोजक आरएस परिहार के ट्रांसफर के बाद सीनियर कर्मचारी के बजाय जूनियर कर्मचारी को प्रभारी जिला संयोजक बना दिया था। इसके खिलाफ राजकुमार ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि शिवपुरी में आदिम जाति कल्याण विभाग में आरएस परिहार जिला संयोजक के पद पर कार्यरत थे। परिहार का ट्रांसफर होने पर कलेक्टर अक्षय सिंह ने महावीर प्रसाद जैन को प्रभारी जिला संयोजक बना दिया, जबकि वे जूनियर हैं। इस पर शिवपुरी में ही आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत राजकुमार सिंह ने विरोध किया। साथ ही कलेक्टर सिंह को खुद की सीनियॉरिटी का हवाला देते हुए प्रभारी जिला संयोजक बनाए जाने की मांग की। लेकिन, कलेक्टर अक्षय सिंह ने राजकुमार के आवेदन को दरकिनार कर दिया। इसके चलते राजकुमार ने हाईकोर्ट में जिला संयोजक का प्रभार नियम विरुद्ध महावीर प्रसाद जैन को दिए जाने के खिलाफ याचिका लगाई थी।
पहले सफाई दी … फिर मांगी माफी
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस जीएस अहलूवालिया के सामने पेश हुए कलेक्टर अक्षय सिंह ने पहले तो महावीर प्रसाद जैन को जिला संयोजक का प्रभार दिए जाने का फैसला सही ठहराने पर अपनी सफाई दी। लेकिन, जिला संयोजक का ट्रांसफर हाेने पर प्रभार देने का नियम पूछने पर कलेक्टर सिंह कोर्ट काे संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। इस पर जस्टिस अहलूवालिया ने कोर्ट में ही उन्हें फटकार लगा दी।
साथ ही कहा – आप जिले के कलेक्टर हो, राजा नहीं। लेकिन, आपने राजा की तरह कार्य किया। जस्टिस की सख्त टिप्पणी के बाद कलेक्टर सिंह ने प्रभार देने में गलती होने की बात स्वीकार कर ली। साथ ही कोर्ट को बताया कि 23 नवंबर (बुधवार) को जिला संयोजक का प्रभार दिए जाने का आदेश वापस लेने की बात कही। इस पर हाईकोर्ट ने याचिका को निराकृत कर दिया।
हाईकोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार को जमा करें आदेश की कॉपी
हाईकोर्ट जस्टिस अहलूवालिया ने राजकुमार सिंह के मामले में शिवपुरी कलेक्टर सिंह को महावीर प्रसाद जैन से जिला संयोजक के प्रभार वापसी के आदेश को हाईकोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार दफ्तर में जमा कराने के आदेश दिए हैं।