ग्वालियर. पालतू जानवरों के अहार के साथ दवाओं की बिक्री चल रही है। जिसमें ड्रग विभाग के नियमों का पालन तक नहीं हो रहा है। हालात यह है कि ड्रग विभाग की सांठ गांठ से ही पूरा खेल खेला जा रहा है। थोक बाजार से दवाएं बेखौप थोक में बेची जा रही है। जबकि नियमानुसार बिना ड्रग लायसेंस के किसी भी दुकानदार को थोक व्यापारी दवा उपलब्ध नहीं करा सकता। लेकिन ऐसा ड्रग विभाग की सांठ गांठ से हो रहा है। क्लीनिक के नाम पर संचालित हो रहे मेडिकल स्टोर पर ड्रग विभाग के किसी भी नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। इसका कभी कभी बुरा असर भी पालतू जानवरों पर पड़ता है। क्योंकि बिना फार्मासिस्ट या डाक्टर के पालतू जानवर रखने वाले दवा ले जाते हैं जिसके रिएक्शन से जानवरों को होने वाली तकलीफ का भी पता नहीं चलता। बिना लायसेंस के चल रही पालतू जानवरों की क्लीनिक या मेडिकल स्टोर पर दवाओं की उपलब्धता थोक बाजार से हो रही है। जबकि थोक में दवाएं क्रय करने केि लिए दुकानदार को थोक बिक्रेता को ड्रग लयसेंस दिखाना आवश्यक है। लेकिन बिना ड्रग लायसेंस दिखाए ही दवाएं थोक बाजार में बेची जा रही है। थोक से लेकर खेरिज दुकानों तक पर नियमों का पालन नहीं हो रहा है। पालतू जानवरों के लिए दाने पानी की दुकानों पर खुलेआम दवाएं बेची जा रही हैं।इन दुकानों पर ड्रग विभाग से लायसेंस तक नहीं है। इसके बाद भी धड़ल्ले से दवाओं का क्रय बिक्रय चल रहा है और बेजुवानों की जान से खिलवाड़ हाे रहा है। लेकिन इस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। ड्रग विभाग की सांठ गांठ से चल रही दुकानों पर हर दिन हजारों रुपये की दवाएं बिक रही है। गजब की बात तो यह है कि इन दुकानों को वे वेटनरी सरकारी डाक्टर क्लीनिक भी चला रहे हैं,जिनकी पदस्थापना शहर से बाहर है। इससे साफ है कि वेटनरी डाक्टर अपने मुख्यालय पर नहीं ठहरते। ड्रग विभाग से लेकर पशु विभाग की लापरवाही उजागर होती है।

पालतू जानवर के लिए दाने पानी रखने की दुकान के लिए नगर निगम में शाेप एक्ट के तहत दुकान का पंजीयन कराने के साथ खाद्य विभाग में भी पंजीयन होना आवश्यक है।

-दवा की खरीद बिक्री करने के लिए फार्मासिस्ट की आवश्यकता है।

– फार्मासिस्ट को दुकान खोलने के लिए ड्रग विभाग से पंजीयन कराना अनिवार्य है।

– क्लीनिक पर डाक्टर पालतू जानवर काे उपचार दे सकता है, दवा का प्रयोग कर सकता है।

-डाक्टर क्लीनिक से दवा काे नहीं बेच सकते।

– 2 से 8 डिग्री तापमान में रखने वाली दवाओं के लिए फ्रिज की उपलब्धता जरुरी।

– स्टोर पर कैमरा लगा होना आवश्यक है।

– दवाओं के क्रय बिक्रय का लेखाजोखा होना आवश्यक है।