अनुदान की बुनियाद पर टिके नगरीय निकाय, आत्मनिर्भरता की राह कोसों दूर

चारों बड़े नगर निगमों को छोड़ अन्य निकायों में 50 करोड़ से कम वसूली, इंदौर नगर निगम की सालाना आय और वसूली 590 करोड़ रुपए

भोपाल. प्रदेश के नगरीय निकाय खुद का खर्चं भी मुश्किल से निकाल पा रहे हैं। उन्हें बार-बार आय के स्रोत बढ़ाने को कहा जा रहा है। इसके बावजूद सुधार नहीं हो रहा। हालात यह हैं कि निकायों की आय का ज्यादातर हिस्सा वेतन, पेट्रोल-डीजल, स्टेशनरी, कार्यालयों के रखरखाव आदि पर ही खर्च हो रहा है। ऐसे में विकास कार्यों के लिए राज्य और केंद्र सरकार का सहारा बचता है। अनुदान के रूप में लगभग लगभग 80 प्रतिशत राशि मिलती है।

चारों बड़े शहरों को छोड़ दिया जाए तो नगर निगम जैसी बड़ी संस्थाओं के अपने स्रोतों से कमाई सिर्फ 40 करोड़ सालाना तक हो पाती है। बुरहानपुर और मुरैना जैसे नगर निगमों की कमाई 4-5 करोड़ रुपए सालाना है। भोपाल नगर निगम की सालाना कमाई 300 करोड़ से कम है। कमाई और आय के स्रोत बढ़ाने में इंदौर नगर निगम अव्वल है। इस वित्तीय वर्ष में 300 करोड़ से ज्यादा वसूली की है। मार्च तक 700 करोड़ रुपए वसूली का अनुमान है।

वसूली वाले टॉप टेन नगर निगम (करोड़ रुपए)

राज्य और केन्द्र सरकार से प्राप्त अनुदान से नगरीय निकायों में प्रति वर्ष औसतन तीन से चार हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य होते हैं। इसके अलावा सरकार सड़क, स्ट्रीट लाइट और पेयजल सप्लाई के लिए भी समय-समय पर अनुदान देती है। नगरीय निकाय अपने निजी सोर्स से सड़कें तक दुरुस्त नहीं करा सकते। सरकार ये अनुदान आधारभूत ढांचा तैयार करने और नगरीय निकायों की मशीनरी को मजबूत करने के लिए दे रही है। आगे चलकर नगरीय निकायों को अपने पैसे से रखरखाव करना होगा। इसके लिए उन्हें करोड़ों रुपए प्रति वर्ष खर्च करने पड़ेंगे।

नगर निगम 2021 2022

इंदौर 590 338

भोपाल 294 187

जबलपुर 148 82

ग्वालियर 125 56

उज्जैन 39 27

रीवा 30 18

देवास 28.5 14.50

सतना 27.5 11

रतलाम 23.5 17

सिंगरौली 16 12

यह भी कवायद

स्वच्छता सर्वेक्षण की तरह निकायों की ग्रेडिंग राजस्व वसूली के आधार पर भी होगी। यदि संपत्ति कर, ठोस अपशिष्ट प्रभार, जलकर समेत अन्य की 100% वसूली हो जाए, तो बुनियादी सुविधाओं पर खर्च के लिए निकायों को कर्ज पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

राजस्व बढ़ाने ये प्रयास और सुझाव

खर्च के अनुसार टैक्स वसूली

होर्डिंग को नियमितीकरण, विज्ञापन दरों का निर्धारण

नए पार्किंग स्थल चिह्नित कर टैक्स वसूली का प्रावधान

व्यावसायिक संपत्तियों के किराए का नए सिरे से निर्धारण और उनकी दरें रिवाइज करना

आय के नए उपाय खोजना

तहबाजारी वसूली मजबूत करना। साप्ताहिक हाट का चयन।

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