बताया जा रहा है कि ऋषभ की गाड़ी में करीब तीन से चार लाख रुपए थे। घटना के बाद सारे रुपये सड़क पर बिखरे पड़े थे। वे वहां तड़पते रहे लेकिन इस दौरान कुछ लोग ऋषभ की मदद करने के बजाय नोट अपनी जेबों में भरने और वीडियो बनाने में मशगूल हो गए।
वहीं, दो युवक इस दौरान मसीहा बनकर सामने आए। रुड़की के सक्षम अस्पताल में जब ऋषभ पंत को भर्ती कराया गया तो इस दौरान दो युवक भी थे। बताया जा रहा है कि कि इनमें से एक युवक पुरकाजी के समीप शकरपुर गांव का रहने वाला है। वह घटनास्थल से कुछ किलोमीटर दूर आगे लिब्बरहेरी में स्थित उत्तम शुगर मिल में नौकरी करता है।
सुबह के समय वह अपनी ड्यूटी पर जा रहा था। इसी दौरान उसने दुर्घटना में घायल हुए ऋषभ पंत को पहचान लिया। डॉ. सुशील नागर ने बताया कि अस्पताल में जब ऋषभ को लाया गया तो दो युवक भी थे। उन्होंने सही समय पर ऋषभ को अस्पताल पहुंचा दिया।
डॉक्टर सुशील नागर ने बताया कि भर्ती के दौरान ऋषभ पंत की हालत थोड़ी गंभीर थी लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरा तो हालत ठीक होने लगी।
इसके बाद ऋषभ पंत को देहरादून स्थित मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बताया गया है कि यहां ऋषभ पंत की प्लास्टिक सर्जरी भी होगी।