जम्मू-कश्मीरः हिरासत में किसी नेता को चाहिए फाइव स्‍टार की सुविधा तो किसी को सिगरेट की तलब कर रही परेशान

श्रीनगर, कश्‍मीर के नाम पर खानदानी दुकान चलाने वाले नेताओं की अलगाववादी सियासत पर ताला लग चुका है। कल तक शान बघेरते और अपने नियम चलाते दिखते, वहीं अब नियमों में बंधकर रह गए हैं। डल झील किनारे स्थित शेर-ए-कश्‍मीर इंटरनेशनल कन्‍वेंशन सेंटर के परिसर में स्थित सेंटूर होटल में भी कई दिग्‍गज नेताओं को हिरासत में रखा गया है। हिरासत में भी अपनी हेकड़ी दिखाने का प्रयास करते हैं पर सुरक्षा बलों और स्‍थानीय प्रशासन उन्‍हें नियमों का हवाला देकर शांत कर दे रहे हैं।

किसी को फाइव स्‍टार होटल का खाना चाहिए, कोई दाढ़ी-मूंछ संवारने के लिए कैंची मांग रहा है और किसी को सिगरेट की तलब परेशान कर रही है। वहीं कुछ लोग मनमर्जी से अपने परिजनों से जब मन चाहे मिलने की फरमाइश रखते हैं, लेकिन आखिर जेल मैनुअल के आगे मन मारकर रह जाना पड़ता है। इस बीच, एहतियाती हिरासत में बंद उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को पूर्व मुख्‍यमंत्री के नाते प्रशासन ने कुछ राहत देते हुए दोनों को लैंडलाइन फोन की सुविधा प्रदान कर रखी है।

राज्‍य पुनर्गठन आयोग के गठन के बाद से प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं को एहतियाती हिरासत में लिया या फिर उन्हें उनके घरों में नजरबंद रखा हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला अपने घर में नजरबंद हैं, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला को हरि निवास में और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को चश्मा शाही स्थित सरकारी गेस्ट हाउस में रखा गया है। सेंटूर होटल में नेकां, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट समेत कश्मीर केंद्रित सियासत करने वाले मुख्यधारा के विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े करीब 44 नेताओं को रखा गया है।

लाेन, अंसारी, निजामदीन और शाह फैसल भी सेंटूर में हैं बंद

सेंटूर में हिरासत में रखे गए नेताओं में पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन व महासचिव इमरान रजा अंसारी के अलावा नेशनल कांफ्रेंस के मुबारक गुल, तनवीर सादिक, अल्ताफ कालू, पीडीपी के नईम अख्तर,अब्दुल रहमान वीरी, सरताज मदनी,पीरजादा मंसूर, खुर्शीद आलम,फारूक अंद्राबी हैं। इनके अलावा पीडीएफ के हकीम मोहम्मद यासीन और शाह फैसल को भी वहीं रखा गया है।

किसी को नहीं वीआइपी सुविधा

सेंटूर में बंद अधिकतर नेता पूर्व विधायक और मंत्री ही हैं। सेंटूर में तैनात सुरक्षाधिकारियों से लेकर खानसामे तक यह बहुत ही शालीनता से पेश आते हैं। सलाम दुआ भी करते हैं और हालात पर चर्चा भी करते हैं। लेकिन किसी को भी जेल मैन्युल के दायरे से बाहर काई सुविधा नहीं दी जा रही है।

न होटल का खाना और न मिली कैंची

बताया जा रहा है कि पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन को सेंटूर में मिल रहा शाकाहारी भोजन रास नहीं आ रहा। उन्‍होंने निकटवर्ती फाइव स्‍टार होटल से खाना मंगवाने का प्रयास किया, लेकिन वहां मौजूद अधिकारियों ने नियमों का हवाला देते हुए इससे इन्‍कार कर दिया। उन्होंने पूर्व मंत्री होने का भी हवाला दिया, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। अलबत्ता, उन्हें यह जरूर बताया गया कि अगर वह अपनी मर्जी से कुछ अलग खाना चाहते हैं तो वह भुगतान कर सेंटूर की किचन में बनवा सकते हैं।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के चेयरमैन और पूर्व राजस्व मंत्री हकीम यासीन कैंची की मांग की थी, ताकि अपनी दाड़ी मूंछ को संवार सकें। सुरक्षा कारणों से उनकी यह इच्छा पूरी नहीं की गई, लेकिन बाद में उन्हें वहीं पर एक हज्जाम उपलब्‍ध कराया गया। पीडीपी नेता सरताज मदनी से मुलाकात के लिए आए एक आगुंतक उनके लिए टिफिन में वाजवान लाया। सुरक्षाकर्मियों की नजर से वह किसी तरह बच गया और जब खाने की मेज पर डिब्बा खुला तो पकड़ा गया। इसके अलावा खर्शीद आलम और लोन ने सिगरेट की मांग की। इसे भी खारिज कर दिया गया।

लान में सैर और नमाज की है सुविधा

हिरासत में लिए गए नेताओं को कुछ देर के लिए सेंटूर के लॉन में टहलने की सुविधा है। इसके अलावा वह अपने कमरे में या फिर लॉन में नमाज पढ़ सकते हैं। कुछ देर आपस में गप्पबाजी के लिए भी मिल रहा है। लेकिन किसी को फोन या टेलीविजन की सुविधा नहीं है। अखबार नहीं दिया जा रहा है,लेकिन किताबें आपस में बांटकर जरूर पढ़ रहे हैं।

लॉबी में ही मिल सकते हैं परिजनों से

सेंटूर में बंद नेताओं को कुछ दिन पहले ही अपने परिजनों से मुलाकात की छूट मिली है लेकिन यह छूट सेंटूर सबजेल के अधीक्षक और सुरक्षाकर्मियों की मर्जी पर है। सेंटूर में बंद किसी भी नेता से मिलने आने वाले उनके परिजनों को सब जेल के अधीक्षक के नाम पर एक आवेदन जमा करना होता है। यह सादे कागज पर ही लिखा जाता है। इसके बाद उन्हें सुरक्षा जांच से गुजरना होता है और फिर वह सेंटूर में अपने परिजन से मिल सकते हैं। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि मिलने वालों की संख्या पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन किसी दिन अगर ज्यादा भीड़ है तो उसी दिन रोका जाता है। प्रत्येक आगुंतक का रिकार्ड दर्ज किया जाता है।

कोई कपड़े लेकर आ रहा है तो कोई किताबें

पीडीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व एमएलसी यासिर रेशी से मिलने आए उनके भतीजे ने अपना नाम एजाज बताते हुए कहा कि मैं कुछ फल और उनके लिए कपड़े लेकर आया हूं। पूर्व एमएलसी निजामदीन बट से मिलने आई उनकी बेटी ने कहा कि मेरे पिता को पढ़ने का बहुत शौक है। इसलिए उनके लिए कुछ किताबें लेकर आई हूं।

सुरक्षा का है मामला

राज्य पुलिस के सुरक्षा विग में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं को शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए ही एहतियातन हिरासत में रखा गया है। इन नेताओं द्वारा विरोध प्रदर्शनों में भड़काऊ भाषण देने की भी आशंका है और उससे हिंसा भड़कने की आशंका हैं। इसके अलावा हमें कुछ नेताओं की सुरक्षा को भी यकीनी बनाना है, क्योंकि इन पर भी कुछ लोग हमला कर सकते हैं। यहां हालात बेशक नियंत्रण में हैं, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

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