आंकड़ों में समझिए अडानी ग्रुप के FPO का पूरा हिसाब, निवेशकों के हित के लिए कंपनी ने लिया यह निर्णय
आंकड़ों में समझिए अडानी ग्रुप के FPO का पूरा हिसाब, निवेशकों के हित के लिए कंपनी ने लिया यह निर्णय
अडानी ग्रुप के एफपीओ वापस लेने के निर्णय का असर शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है। आज सुबह मार्केट की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई है। यहां समझिए, कंपनी ने ये निर्णय क्यों लिया है? एक्सपर्ट क्या कहते हैं? इसके पीछे का आंकड़ा क्या है?
Adani Group FPO: अडाणी एंटरप्राइजेज ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के एफपीओ को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की है। हालांकि, कंपनी के एफपीओ को मंगलवार को पूर्ण अभिदान मिल गया था। कहा जा रहा है कि अडाणी एंटरप्राइजेज ने यह कदम अमेरिका की शॉर्टसेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उठाया है। बता दें, ग्रुप के तरफ से बयान भी जारी किया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि कंपनी का बैलेंस शीट और कैश फ्लो ठीक है। मार्केट में उतार चढ़ाव की वजह से ये फैसला किया गया है। ऐसे हालात में निवेशकों के साथ आगे बढ़ना ठीक नहीं है। मार्केट में सुधार होने पर नई रणनीति अपनाएंगे।
निवेशकों का हित सबसे ऊपर
गौतम अडानी ने कहा कि पिछले चार दशकों में बतौर कारोबारी हमारी यात्रा में सभी सहयोगियों की तरफ से गर्मजोशी और समर्थन का सौभाग्य मिला है, खास तौर पर निवेशकों की तरफ से। मेरे लिये ये ज़रूरी है कि मैं ये कबूल करूं कि मैंने ज़िंदगी में जो भी छोटी उपलब्धि हासिल की है, वो निवेशकों के भरोसे की वजह से है। मेरी सारी कामयाबी उनकी कामयाबी है। मेरे लिये मेरे निवेशकों का हित सबसे ऊपर है, और बाकी सब बाद में हैं। निवेशकों को नुकसान से बचाने के लिए हमने FPO वापस ले लिया है।
क्या कहता है आंकड़ा?
बीएससी के आंकड़ों के अनुसार, अडाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ के तहत 4.55 करोड़ शेयरों की पेशकश की गई थी, जबकि इसपर 4.62 करोड़ शेयरों के लिए आवेदन मिले थे। गैर संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित 96.16 लाख शेयरों पर करीब तीन गुना बोलियां मिली थीं। वहीं पात्र संस्थागत खरीदारों के आंकड़ों पर नजर डाले तब मालूम होता है कि 1.28 करोड़ शेयरों पर पूर्ण खरीदार मिल गए थे। हालांकि, एफपीओ को लेकर खुदरा निवेशकों और कंपनी के कर्मचारियों की प्रतिक्रिया ठंडी रही थी। बता दें ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है। गिरावट का यह सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। पिछले पांच कारोबारी सत्रों में समूहों की कंपनियों का सामूहिक बाजार पूंजीकरण सात लाख करोड़ रुपये घट गया है। साथ ही अडानी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी की लिस्ट से खिसककर सातवें पर चले गए हैं।
पहले दिन आई थी इतने करोड़ की बोली
शेयर बाजार बीएसई पर उपलब्ध सूचना के अनुसार अडाणी एंटरप्राइजेज लि.के एफपीओ के पहले दिन 4.55 करोड़ शेयर के बदले केवल 4.7 लाख शेयरों के लिए ही बोली आई। कंपनी ने एफपीओ के लिये कीमत दायरा 3,112 से 3,276 रुपये प्रति शेयर रखा हुआ है। हालांकि शुक्रवार को इसका शेयर बीएसई में 2,762.15 रुपये के भाव पर बंद हुआ। खुदरा निवेशकों ने चार लाख शेयरों के लिये आवेदन किये जबकि उनके लिये 2.29 करोड़ शेयर आरक्षित हैं। वहीं पात्र संस्थागत खरीदारों की श्रेणी में 1.28 करोड़ शेयर के मुकाबले केवल 2,656 शेयर के लिये बोली आई। गैर-संस्थागत निवेशकों ने 60,456 शेयर के लिये बोली लगायी जबकि पेशकश 96.16 लाख शेयर की है। बता दें, 24 जनवरी को कंपनी ने FPO लाने का ऐलान किया था।
कंपनी के ऐलान का शेयर बाजार पर दिखा असर
अडानी ग्रुप के एफपीओ वापस लेने के निर्णय का असर शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है। आज सुबह मार्केट की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई है। इस समय सेंसेक्स 60,000 से नीचे पर कारोबार कर रहा है। यही हाल निफ्टी का भी है। बता दें, कल देश का आम बजट निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया था। कल भी शेयर बाजार में काफी उथल-पुथल देखने को मिली थी। सुबह जब बजट पेश हुआ तब एक समय सेंसेक्स 1,200 अंको की बढ़त तक जा पहुंचा था। हालांकि बाजार बंद होते-होते वह नीचे आ गिरा था। एक्सपर्ट का अनुमान है कि अडानी ग्रुप जल्द ही बाउंस बैक करेगा और अपने निवेशकों को फिर से मालामाल करेगा।