ग्वालियर.  संपत्तिकर वसूली के मामले में नगर निगम अब फिसड्डी साबित हो रहा है। नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए संपत्तिकर वसूली का लक्ष्य 242 करोड़ रुपए तय किया था, लेकिन वित्तीय वर्ष की समाप्ति में अब सिर्फ डेढ़ महीना बाकी रह गया है और निगम का अमला मात्र 55.61 करोड़ रुपए की ही वसूली कर पाया है। यदि वसूली की यही स्थिति रही, तो आंकड़ा 100 करोड़ रुपए तक भी नहीं पहुंच पाएगा। इसकी वजह यह है कि नगर निगम की कर वसूली का काम अब पिछड़ता ही जा रहा है। निगम की राजस्व आय के सबसे बड़े हिस्से संपत्तिकर की वसूली का ग्राफ नीचे आना सबसे अधिक चिंता का विषय है।

पिछले कई सालों से नगर निगम संपत्तिकर वसूली के मामले में अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पा रहा है। इस वर्ष भी नगर निगम संपत्तिकर वसूली के मामले में फिसड्डी साबित होता नजर आ रहा है, जबकि वित्तीय वर्ष में संपत्तिकर वसूली का लक्ष्य 242 करोड़ रुपए रखा गया था। अभी तक मात्र 55 करोड़ 61 लाख के आसपास ही संपत्तिकर वसूली की जा सकी है। जिन अधिकारियों पर संपत्ति कर वसूली का जिम्मा है, वह पूरी साल चैन की नींद सोते हैं और जनवरी का महीना शुरू होने के साथ ही वसूली के लिए सक्रियता दिखाना शुरू करते हैं। शहर में तीन लाख के आसपास संपत्तियां हैं लेकिन नगर निगम के खाते में मात्र डेढ़ लाख के आसपास नामांकित हैं। करीब एक लाख लोग ऐसे हैं जो भूमि या भवन के मालिक हैं, लेकिन वे संपत्तिकर अदा नहीं करते हैं। दूसरी तरफ संपत्तिकर के बड़े बकाएदारों पर भी नगर निगम के अधिकारी शिकंजा नहीं कसते हैं। वर्तमान में ग्वालियर पूर्व विधानसभा में 29 करोड़ 20 लाख रुपए की कर वसली हो चुकी है। इसी प्रकार ग्रामीण विधानसभा में आठ करोड़ 93 लाख रुपए, ग्वालियर विधानसभा में नौ करोड़ 53 लाख रुपए और दक्षिण विधानसभा में अभी तक 12 करोड़ 1 लाख रुपए के संपत्तिकर की वसूली ही हो पाई है।