ग्वालियर.। कागजों में चल रहा गालव सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल की मान्यता रद्द कर दी गई। सीएमएचओ ने जांच रिपोर्ट पर एक महीने का नोटिस दिया था लेकिन अस्पताल प्रबंधन के जवाब से संतुष्ट न होने पर पंजीयन निरस्त की कार्रवाई की गई है। असल में यह अस्पताल नर्सिग कालेज से अटेच है इसलिए यहां पर बेड तक नहीं केवल भवन पर बोर्ड लगा मिला था टीम को। चितौरा में स्थित विजय लक्ष्मी नर्सिंग कालेज में अध्यनरत नर्सिंग छात्रों को क्लीनिकल कराने के लिए गालव सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल का कागजों में संचालन किया जा रहा था। सीएमएचओ द्वारा जब निरीक्षण कराया गया तो पाया कि 33 हजार फीट के भवन में एमएलबी नर्सिंग कालेज, एमएलबी हास्पिटल , गालब सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल और विजयलक्ष्मी नर्सिंग कालेज का संचालन किया जा रहा था।

एक भवन पर दो अस्पतालों का बोर्ड लगा मिला। जिस पर सीएएमचओ ने गालव सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल की मान्यता रद्द कर दी। जबकि एमएलबी हास्पिटल में बेड के अलावा न स्टाफ मिला न डाक्टर और मरीज थे। इसलिए नोटिस दिया गया है। विजय लक्ष्मी नर्सिंग कालेज के पास अब छात्रों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए अस्पताल मौजूद नहीं है। ऐसी स्थिति में कालेज को संबंद्धता नहीं दी जा सकेगी। डी-कैटेगिरी के नर्सिंग कालेजों को वर्ष 2020-21 की संबंद्धता मिलेगी। इसका निर्णय मंगलवार को जबलपुर में होने जा रही कार्यपरिषद की बैठक में लिया जाएगा। हाल ही डी कैटेगिरी के 18 कालेजों को जबलपुर मेडिकल यूनिवसिर्टी द्वारा निरीक्षण कराया गया। जिसमें आधा दर्जन से अधिक नर्सिंग कालेज अनफिट पाए गए। जिनके पास नियमानुसार न तो अध्यन के लिए भवन था और न ही अस्पताल।

ऐसे कालेजों को संबंद्धता देने के मूढ़ में इस बार यूनिवसिर्टी के अफसर दिखाई नहीं दे रहे । क्योंकि अफसरों पर लंबे समय से लेनदेन के आरोप लगते चले आए हैं और कार्यपरिषद सदस्य डी-कैटेगिरी के कालेजों को संबंद्धता देने के पक्ष में किसी भी कीमत पर नहीं है। इसलिए यूनवर्सिटी के अधिकारियों का कहना है कि कार्यपरिषद के निर्णय के आधार पर ही संबंद्धता दी जाएगी। जिन के पास अस्पताल नहीं उन्हें पूर्व की संबंद्धता भी नहीं मिलेगी।