भोपाल । मध्यप्रदेश में पहली बार अभिहित अधिकारी (डीओ) के पद पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। भोपाल में वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर देवेंद्र वर्मा को नियुक्त किया है। अभी तक अस्थायी तौर पर डीओ के पद पर डिप्टी कलेक्टरों की नियुक्ति की जाती थी, जो कि खाद्य सुरक्षा की टीम के साथ आमतौर पर मैदान में नहीं जा पाते थे और न ही जांच में शामिल होते थे। जिसकी वजह से कार्रवाई की जिम्मेदारी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों पर ही रहती थी और ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती थी।
स्थायी तौर पर नियुक्ति होने से यह मैदानी तौर पर कार्य कर सकेंगे। अनुभव होने के कारण मिलावट पर सख्ती के साथ कार्रवाई होगी। नियुक्ति आदेश आयुक्त खाद्य सुरक्षा डा. सुदाम खाड़े ने जारी किए हैं। उल्लेखनीय है कि इस पद के लिए कम से कम सात वर्ष का अनुभव होना चाहिए। इसी वजह से सिर्फ छह एफएसओ को नियुक्ति दी गई है।
दरअसल 10 साल से मध्यप्रदेश में डिप्टी कलेक्टरों और सीएमएचओ को प्रभारी अभिहित अधिकारी ही नियुक्त किया जा रहा था। इसे लेकर पूर्व में बार-बार एफएसएसएआइ फुल टाइम डीओ तैनात करने के निर्देश भी दे चुका था, लेकिन इस पर कभी अमल नहीं हो सका। इस संबंध में जनवरी माह में केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए सभी राज्यों में डीओ के पद पर स्थायी नियुक्ति करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद से ही डीओ नियुक्त का रास्ता साफ हो गया था।
छह को है सात साल का अनुभव
प्रदेशभर में अभिहित अधिकारी के पद पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी की नियुक्ति की जाना है लेकिन सात साल के अनुभव की अनिवार्यता के कारण छह जिलों में ही डीओ की नियुक्ति के आदेश जारी किए जा सके हैं। बाकि अन्य जिलों में सीएमएचओ और डिप्टी कलेक्टर ही डीओ की जिम्मेदारी संभालेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि आगामी वर्ष में अधिकांश जिलों में स्थायी डीओ की नियुक्ति कर दी जाएगी।
इन अधिकारियों को दी गई है जिम्मेदारी
खाद्य सुरक्षा आयुक्त डा. सुदाम खाड़े द्वारा जारी आदेश के अनुसार अरविंद कुमार पथरोल को छतरपुर, देवेंद्र कुमार वर्मा को भोपाल, सचिन लोगरिया को धार, राकेश कुमार दमोह, सुषमा पथरोल को सागर और निर्मला सोमकुंवर को देवास का वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किया गया है।