प्रवेश पत्र में होने वाली त्रुटि के लिए स्कूलों से पहले से ही एक हजार पेनल्टी वसूल रहा बोर्ड

हाईस्कूल और हायर सेकंडरी की परीक्षा…

सीधे प्रवेश पत्र न भेजकर वेबसाइट से डाउनलोड करने का आदेश

ऑप्शन अनलॉक करने के लिए स्कूलों से भरवाया बॉन्ड

ग्वालियर. माध्यमिक शिक्षा मण्डल की हाईस्कूल और हायर सेकंडरी की परीक्षाएं 1 मार्च से शुरू होंगी। परीक्षा में शामिल हो रहे छात्र-छात्राओं को प्रवेश सीधे भेजने के बजाए इस बार बोर्ड ने स्कूलों को वेबसाइट से प्रवेश पत्र डाउनलोड कर छात्रों को देने का आदेश जारी किया है। जिस पर विद्यालयों द्वारा प्रवेश पत्र डाउनलोड कर छात्र-छात्राओं को दिए जा रहे हैं। लेकिन डाउनलोड करने का ऑप्शन अनलॉक करने के लिए बोर्ड द्वारा स्कूलों से बॉन्ड भरवाया गया है। इसके तहत विद्यालयों से 1 हजार रुपए शुल्क के साथ 25 रुपए पोर्टल शुल्क के रूप में लिया गया है। साथ ही विद्यालय के प्राचार्य को एक लेटर थमाया गया है जिस पर प्राचार्य को प्रवेश पत्र में होने वाली किसी भी त्रुटि के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराने को लिखा गया है। यह शुल्क पेनल्टी के तौर पर लिया गया है। यदि भविष्य में प्रवेश पत्र पर कोई त्रुटि पाई गई, तो उसका भुगतान बोर्ड ने पहले से विद्यालयों से वसूला है। जिले के 1106 सरकारी और 400 प्राइवेट स्कूलों सहित प्रदेश के 18 हजार स्कूलों से यह शुल्क वसूला गया है। इससे बोर्ड को 1 करोड 80 लाख रुपए की कमाई हुई है। विद्यालय के प्रबंधकों का कहना है, ये बोर्ड की कमाई का एक जरिया है। ये जरूरी नहीं कि भविष्य में प्रवेश पत्र पर कोई त्रुटि होगी, लेकिन उसका भी शुल्क पहले से ही लिया गया है।

हाईस्कूल और हायर सेकंडरी की परीक्षा…

फैक्ट फाइल

● प्रदेश में 18,21,957 छात्र देंगे परीक्षा

● जिले में 52,444 छात्र देंगे परीक्षा

● 10 वीं के 27,123 12 वीं के 25,321 छात्र

● 3848 परीक्षा केन्द्र प्रदेश में, जिले में 92

● 36 निजी और 56 सरकारी विद्यालयों को बनाया परीक्षा केन्द्र

● 92 परीक्षा केन्द्रों में 45 को सामान्य, 41 संवेदनशील और 6 अतिसंवेदनशील हैं।

पहले आंचलिक कार्यालयों पर भेजे जाते थे प्रवेश पत्र

बोर्ड द्वारा परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र पहले प्रिंट कराकर आंचलिक कार्यालयों पर भेजे जाते थे, जहां से प्रवेश पत्र स्कूलों को उपलब्ध करा दिए जाते थे और विद्यालयों द्वारा छात्रों को वितरित किए जाते थे। लेकिन इस बार वेबसाइट पर अपलोड किए जाने से स्कूलों को ही प्रवेश पत्र की हार्ड कॉपी का प्रिंट निकलवाकर स्कूल की सील और साइन के साथ परीक्षार्थियों को देना है।

स्कूल छात्रों से वसूलेंगे पैसे

एमपी बोर्ड द्वारा प्रवेश पत्र की हार्ड कॉपी न भेजे जाने से इसका खामियाजा परीक्षार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। बोर्ड ने वेबसाइट पर प्रवेश पत्र अपलोड कर दिया है, जिसे विद्यालयों द्वारा डाउनलोड कर छात्रों को मुहैया कराया जा है। विद्यालय छात्रों से इसका 10 रुपए तक भुगतान ले रहे हैं। इसके साथ छात्रों से उत्तरपुस्तिका, प्रश्न पत्र, पूरक उत्तरपुस्तिका आदि का भी शुल्क लिया जाता है।

अंडरटेकिंग के साथ ली जा रही पेनल्टी

10 वीं 12 वीं के परीक्षा फॉर्म भरने के बाद स्कूलों को समय दिया जाता है। स्कूलों द्वारा उसमें सुधार भी किया जाता है। इसके बावजूद प्रवेश पत्र में त्रुटि हो जाती है। यह समस्या हर वर्ष देखने को मिलती है। इस कारण बोर्ड ने पहले से ही अंडरटेकिंग पेनल्टी लेने का फैसला किया है। प्रवेश पत्र की वसूली शासकीय विद्यालयों में छात्रों से नहीं की जाएगी। निजी स्कूलों में ज्यादा पैसे न लिए जाएं, इस पर भी निगरानी की जा रही है।

 जिला शिक्षा अधिकारी

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