ग्वालियर – नेता ही नहीं कारोबारी पर भी डेढ़ सौ स्व सहायता समूह, पूरे सिस्टम पर कब्जा
आंगनबाड़ियों में खाने की सप्लाई करने का जिम्मा देखने वाले स्व सहायता समूहों के पीछे नेता ही नहीं कारोबार भी हैं ….
ग्वालियर । आंगनबाड़ियों में खाने की सप्लाई करने का जिम्मा देखने वाले स्व सहायता समूहों के पीछे नेता ही नहीं कारोबार भी हैं। यह संख्या दस बीस में नहीं बल्कि सैकड़ों में है। डेढ़ सौ समूह शहर के एक कारोबारी के पास हैं। यहां भी ऐसा ही किया गया है कि समूहों का गठन कर महिलाओं के नाम जोड़ दिए गए हैं। समूहों के रिकार्ड में जो मोबाइल नंबर दर्ज है वे बंद पड़े हैं या संपर्क ही नहीं हो पा रहा है। जिनसे बात हो रही है उन्हें समूह के बारे में जानकारी नहीं है या पहले ही काम बंद है।
स्व सहायता समूहों के पीछे काम करने वाले कारोबारी हो या नेता इनका गठजोड़ मजबूत है। गुरूवार को नईदुनिया ने समूहाें के कई मोबाइल नंबरों पर काल किया और पड़ताल की। वहीं प्रशासन स्तर पर स्व सहायता समूहों की पड़ताल जारी है। यहां यह बता दें कि नईदुनिया ने सोमवार के अंक में बच्चों के निवाले पर हावी नेता-अफसराें के कमीशन का खेल शीर्षक से खुलासा किया था कि आंगनबाड़ी में खाने सप्लाई का काम करने वाले स्व सहायता समूहों के पीछे नेता व अफसरों का गठजोड़ है। जनपद सदस्य बरई रामप्रसाद चौरसिया ने आन रिकार्डिंग बताया कि समूहों का पूरा सिस्टम सेट है, सुपरवाइजर व परियोजना अधिकारी के पास एक-एक हजार रूपए प्रति आंगनबाड़ी जाता है। कमीशन देना होता है और पूरा काम हो जाता है। इस मामले में लगातार चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं।