भोपाल । एनजीटी की भोपाल बेंच ने 1986 से 2021 के बीच शहर में लगाए गए 42 लाख पेड़ों को काटकर शासकीय जमीन पर किए गए अतिक्रमणों की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग और नगर निगम को छह सप्ताह का समय दिया है। याचिकाकर्ता डा. सुभाष सी पांडेय की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए बेंच ने नगरीय प्रशासन सचिव, भोपाल नगर निगम आयुक्त, डीएफओ भोपाल और मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल की संयुक्त टीम को छह सप्ताह में प्रतिवेदन देने के आदेश दिए हैं। मामले में मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है।
यह है मामला
राजधानी परियोजना वन मंडल द्वारा शहर में भोज वेटलैंड परियोजना के तहत 17.68 लाख पेड़ लगाए गए थे। इसके अलावा सामान्य वन मंडल भोपाल से हस्तांतरित 6.47 लाख पेड़, शहरी पौधारोपण के 17.97 लाख पेड़ों की सुरक्षा और उनके रखरखाव की जिम्मेदारी भी राजधानी परियोजना वन मंडल को दी गई थी, लेकिन तीन दशकों में शहर में लगे इन पेड़ों को काटकर शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया। अतिक्रमण हटाने को लेकर राजधानी परियोजना वन मंडल के डीएफओ ने 10 दिसंबर 2021 को नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर इन अतिक्रमणों को हटाने के लिए पत्र लिखा था। बता दें कि शहर में ऐसे 692 अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं, जिन पर बड़े अस्पतालों, राजनेताओं और बड़े कारोबारियों ने भी अतिक्रमण कर रखा है।
विभिन्न परियोजनाओं के तहत रोपित पौधों की जानकारी
1. भोजवेट लैंड परियोजना के तहत लगाए पेड़ : 17,68,038
2. 1989 से 2021 के बीच किया गया पौधारोपण : 17,97,613
3. वनमंडल भोपाल से हस्तांतरित पेड़ : 6,47,714
कुल पौधे : 42,13,365