इंदौर-पीथमपुर इकोनामिक कारिडोर का आठ साल से इंतजार
इंदौर-पीथमपुर इकोनामिक कारिडोर का आठ साल से इंतजार, 15 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद
19.6 किलोमीटर लंबा होगा कारिडोर, 1290.74 हेक्टेयर के विकास की योजना, 17 गांव इंदौर-धार के होंगे लाभान्वित …
इंदौर । इंदौर-पीथमपुर इकोनामिक कारिडोर का प्रस्ताव असल में आठ साल पुराना है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन और ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के पहले मप्र औद्योगिक विकास निगम ने ठंडे बस्ते में जा चुके इस प्रोजेक्ट को फिर से जिंदा किया। बीते साल मई में प्रस्ताव को मंजूरी के लिए सरकार को भेजा गया। मंजूरी की कागजी प्रक्रिया होने के बाद आखिरकर प्रोजेक्ट के लिए बजट भी आरक्षित किया जा रहा है।
19.6 किमी लंबे इस कारिडोर के निर्माण से प्रदेश के सबसे पुराने और बड़े पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को इंदौर एयरपोर्ट से सीधी कनेक्टिविटी तो मिल ही जाएगी, दो हाईवे इंदौर-अहमदाबाद और आगरा-मुंबई भी राऊ-पीथमपुर रोड के जरिये एक दूसरे से सीधे जुड़ जाएंगे। रतलाम इंवेस्टमेंट रीजन को भी सरकार की मंजूरी मिल गई है। इंदौर-पीथमपुर इकोनामिक कारिडोर की योजना करीब आठ साल पहले घोषित की गई थी। बीते वर्षों में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
इंदौर-धार के 17 गांवों को मिलेगा लाभ
2022 की शुरुआत में मप्र औद्योगिक विकास निगम (एमपीआइडीसी) ने फिर से प्रस्ताव तैयार कर सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा था। 19.6 किमी लंबे कारिडोर से जुड़े 1290.74 हेक्टेयर के विकास की योजना भी इस प्रस्ताव के साथ है। कारिडोर का एक सिरा इंदौर के नैनोद और दूसरा सिरा सोनवाय और टीही व धन्नड़ ड्रायपोर्ट से जुड़ेगा। इससे इंदौर और धार क्षेत्र के कम से कम 17 गांव भी औद्योगिक और आर्थिक विकास के इस रास्ते से सीधे जुड़ जाएंगे। इकोनामिक कारिडोर पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को तो एयरपोर्ट से सीधी कनेक्टिविटी दे ही रहा है। विकास के साथ इससे जुड़े क्षेत्र में होटल, आइटी इंडस्ट्री, फिनटेक सिटी, डाटा सेंटर, लाजिस्टिक पार्क,फिल्म और मीडिया पार्क, ट्रेड सेंटर, बिजनेस सेंटर बसाने के साथ ही कमर्शियल और रेसीडेंशियल काम्प्लेक्स बसाने की योजना है।
मालवा-निमाड़ की अर्थव्यवस्था को लाभ
एमपीआइडीसी के अनुसार इकोनामिक कारिडोर के विकास के साथ ही इससे जुड़े क्षेत्र में करीब 250 औद्योगिक प्लाट, 25 हजार लोगों के लिए आवासीय प्लाट विकसित होंगे। साथ ही 10 से 15 हजार करोड़ रुपये वार्षिक की आर्थिक गतिविधियां इस क्षेत्र में शुरू हो सकेगी। सरकार को स्टांप ड्यूटी के रूप में भी 400 से 500 करोड़ की आय होगी। इस क्षेत्र में 10 से 15 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद तो की ही जा रही है। साथ ही कारिडोर की बदौलत 20 से 25 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद भी है। एमपीआइडीसी के हिस्से में भी 200 से 300 औद्योगिक प्लाट आएंगे। साथ ही 128 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिल सकेगा।
साढ़े तीन हजार एकड़ से ज्यादा में रतलाम निवेश क्षेत्र
इकोनामिक कारिडोर के साथ रतलाम से पांच किमी दूर बनने वाले रतलाम इंवेस्टमेंट रीजन को भी सरकार की मंजूरी मिल गई है। करीब 3,624 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में विकसित होने वाला यह औद्योगिक क्षेत्र प्रस्तावित दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस लेन से जुड़ा होगा। रतलाम के रामपुरिया, जुनवानिया, पलसोड़ी, बिबड़ोद, सरवानी खुर्द गांव से जुड़े क्षेत्र को नए औद्योगिक क्षेत्र के रूप में पहचान मिल सकेगी।