रूस-यूक्रेन युद्ध सबक सिखाता है कि…’, बोले CDS जनरल अनिल चौहान

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया है. उन्होंने रूस और यूक्रेन युद्ध का उदाहरण भी दिया.

दिल्ली में चल रहे रायसीमा डायलॉग में सीडीएस अनिल चौहान ने शुक्रवार (03 मार्च) को कहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग से एक सबक सीखने को मिलते हैं. इस युद्ध से भारतीय सशस्त्र बल ये सीख सकते हैं कि उन्हें हथियारों और सैन्य उपकरणों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर भी बात की.

जनरल चौहान ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए सरकार की पहल बड़ी संख्या में प्रमुख उपकरण और हथियार प्रणालियों का उत्पादन करने का विकल्प प्रदान कर रही हैं. उन्होंने ये भी कहा कि यूक्रेन युद्ध ने इस सवाल को उठाया है क्या देशों को छोटे तीव्र युद्धों के लिए क्षमता विकसित करनी चाहिए या उन्हें लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए.

‘आत्मनिर्भर होने की जरूरत’

सीडीएस ने कहा, “भारत के मामले में, वास्तव में हमें यह देखना होगा कि भविष्य में हमें किस तरह की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है… हमें नहीं लगता कि यूरोप में जो कुछ हो रहा है, उस तरह का कोई लंबा संघर्ष (यहां) होने वाला है.” उन्होंने कहा, “हमें आत्मनिर्भर होने की जरूरत है–यह हमारे लिए (यूक्रेन युद्ध) सबसे बड़ा सबक है. हम अपने हथियारों के लिए बाहर (दूसरे देशों) से आने वाली आपूर्ति पर निर्भर नहीं रह सकते हैं. हम संघर्ष से यही एक बड़ा सबक सीखते हैं.’

ऑस्ट्रेलिया ने की रूस की आलोचना

जनरल चौहान ने ये भी कहा कि इस तरह का विचार था कि आधुनिक वक्त में युद्ध ‘छोटे और तीव्र’ होंगे लेकिन “हम जो (यूक्रेन में) देख रहे हैं वे लंबा युद्ध है.” सत्र में अपनी टिप्पणी में, ऑस्ट्रेलिया के रक्षा बल के प्रमुख जनरल एंगस जे कैम्पबेल ने यूक्रेन युद्ध के लिए रूस की आलोचना की. उन्होंने कहा, “यह एक अवैध, अन्यायपूर्ण और बेरहम हमला है और संप्रभु क्षेत्र और एक संप्रभु राष्ट्र की अखंडता का उल्लंघन करता है.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *