शाहरुख के ‘मन्नत’ की सिक्योरिटी एजेंसी करेगी ‘महाकाल’ की सुरक्षा …!
दो साल के लिए 20 करोड़ में दिया कॉन्ट्रैक्ट, 500 कर्मचारी रहेंगे तैनात …
बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान के बंगले ‘मन्नत’ की सिक्योरिटी एजेंसी उज्जैन के महाकाल मंदिर की सुरक्षा करेगी। सिक्योरिटी एजेंसी ‘क्रिस्टल’ को 20 करोड़ में दो साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। कंपनी 1 अप्रैल से काम शुरू कर देगी। यहां कंपनी के 500 कर्मचारी 24 घंटे तैनात रहेंगे।
मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि पिछले कई दिनों से इस ठेके को लेकर जद्दोजहद चल रही थी। इससे पहले मंदिर की सुरक्षा केएसएस कंपनी के जिम्मे थी। कई दिनों के मंथन के बाद मंदिर की सुरक्षा के लिए क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को चुना गया। कंपनी का मुख्यालय महाराष्ट्र में है।
9 कंपनियों ने डाले थे टेंडर
मंदिर प्रशासक ने बताया कि 2 साल के लिए टेंडर दिए जाते हैं। सुरक्षा के लिए करीब दो महीने पहले निविदाएं बुलाई थीं। मंदिर की सुरक्षा के लिए 9 कंपनियों की निविदाएं मिली थीं। इनमें से सात कंपनियों को तकनीकी में 100-100 अंक मिले, जबकि पायोनियर को 90 और आरएस सिक्योरिटीज को 95 अंक मिले थे। सभी 9 कंपनियों को वित्तीय निविदा की पात्रता मिल गई, जबकि एंजिल, बालाजी, सीआईएस, फर्स्टमैन, रक्षा व सिंह इंटेलीजेंस समेत क्रिस्टल इंटीग्रेटेड को 100-100 अंक मिले थे।
शर्त थी कि अगर स्कोर बराबर रहा, तो पिछले तीन साल में जिस कंपनी का टर्न ओवर सबसे ज्यादा होगा, उसे मंदिर की सुरक्षा का टेंडर दिया जाएगा। क्रिस्टल कंपनी का टर्न ओवर सबसे ज्यादा 475 करोड़ था। इसी आधार पर उसे ठेका दे दिया गया।
कई बड़ी जगह सुरक्षा कर रही ‘क्रिस्टल इंटीग्रेटेड’
क्रिस्टल इंटीग्रेटेड कंपनी के पास महाराष्ट्र के तुलजा भवानी मंदिर, बॉम्बे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (बीएमसी), तमिलनाडु सरकारी अस्पताल, HDFC और HSBC बैंक, डीमार्ट, फीनिक्स मॉल, मुंबई एयरपोर्ट समेत शाहरुख खान का बंगले ‘मन्नत’ की सुरक्षा का जिम्मा भी है।
500 कर्मचारी उतारेगी सुरक्षा में
कंपनी जल्द ही 500 लोगों को मंदिर की सुरक्षा के लिए उतारेगी। हालांकि वर्तमान में भी 500 कर्मचारी सुरक्षा में लगे हैं। कंपनी 1 अप्रैल से काम संभालेगी। अभी ये तय नहीं हुआ है कि सुरक्षाकर्मियों की नए सिरे से भर्ती होगी या केएसएस के कुछ कर्मचारी इधर से उधर होंगे।
पसारा लाइसेंस लेना होगा
मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि एल-1 यानी फर्स्ट लोअर के रूप में महाराष्ट्र की ‘क्रिस्टल’ कंपनी का नाम सामने आया है। कंपनी के पास मध्यप्रदेश का पसारा लायसेंस नहीं है। एक महीने की अवधि लाइसेंस लेने के लिए दी गई है। एक अप्रैल से मंदिर की सुरक्षा नई कंपनी के हाथों में होगी।
PSARA लाइसेंस क्या है?
निजी सुरक्षा एजेंसियां अधिनियम, 2005 देश में निजी सुरक्षा एजेंसी के कारोबार के सभी पहलुओं को नियंत्रित करता है। पीएसएआरए 2005 के तहत, यदि कोई व्यक्ति जो सुरक्षा एजेंसी का कारोबार करना चाहता है, उसे भारत में लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता है।