जासूसी मामले में CBI ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ दर्ज किया केस, FIR में अन्य 5 लोगों के नाम भी शामिल

बीती 8 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जांच एजेंसी को मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी.

सिसोदिया के अलावा जिन 5 अन्य लोगों पर केस दर्ज हुआ है उनमें तत्कालीन विजिलेंस सेक्रेटरी सुकेश कुमार जैन, रिटायर्ड डीआईजी, सीआईएसएफ एंड स्पेशल एडवाइजर टू सीएम एंड जॉइंट डायरेक्टर फीडबैक यूनिट, रिटायर्ड जॉइंट डिप्टी डायरेक्टर प्रदीप कुमार पुंज (डिप्टी डायरेक्टर FBU), रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडेंट CISF  सतीश खेत्रपाल (फीड बैक अफसर), गोपाल मोहन (दिल्ली सीएम के एडवाइजर) और एक अन्य नाम शामिल हैं.

सीबीआई को मिली थी मंजूरी
बीती 8 फरवरी को सीबीआई फीडबैक यूनिट के कथित जासूसी मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय से आप नेता के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय जांच एजेंसी को सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी. इसके बाद से ही मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की आशंका जताई जा रही थी.

क्या है मामला?
दिल्ली में आप के सत्ता में आने के बाद इस विभाग के तहत फीडबैक यूनिट बनाई गई थी. इस यूनिट पर जासूसी कराने का आरोप है. सीबीआई के मुताबिक, एफबीयू ने 1 फरवरी, 2016 को 17 कॉन्ट्रैंक्ट कर्मियों के साथ काम करना शुरू किया था. इनमें अधिकांश खुफिया ब्यूरो और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त अधिकारी थे. यूनिट का उद्देश्य कथित रूप से विभिन्न मंत्रालयों, विपक्षी राजनीतिक दलों, संस्थाओं और व्यक्तियों की जासूसी करना था और इसकी कोई विधायी या न्यायिक निगरानी नहीं थी.

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