NAAC Grading: भोपाल मध्य प्रदेश का ग्वालियर जीवाजी विश्वविद्यालय शैक्षणिक स्तर पर प्रदेश में सर्वोत्तम रहा है। वहीं, भोपाल के महारानी लक्ष्मीबाई कन्या महाविद्यालय (एमएलबी कालेज) में भी शिक्षा के स्तर में पहले की अपेक्षा बेहतर सुधार हुए हैं, लेकिन बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में शैक्षणिक स्तर में कोई सुधार नहीं हुआ है। नैक (नेशनल असेसमेंट एक्रीडेशन काउंसिल) द्वारा इन शैक्षणिक संस्थाओं को दिए गए ग्रेडिंग में यह बात सामने आई है।

नैक द्वारा ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय को ए ग्रेड दिया गया है। इसे सात में से 3.6 सीजीपीए से मान्यता मिली है। इस ग्रेड के मिलने के बाद विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मिलने वाले अनुदान में वृद्धि हो जाएगी। भोपाल के शासकीय एमएलबी कालेज को ए ग्रेड मिला है।
जबकि, पिछले बार इसकी ग्रेड बी थी। इसका सीजीपीए स्कोर 3.04 है। वहीं, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल को पिछली बार की तरह इस वर्ष भी बी ग्रेड से संतोष करना पड़ा है। मंगलवार को नैक ने इन संस्थाओं को ग्रेडिंग की सूचना दी है। यह ग्रेड पांच साल की अवधि के लिए दी गई है।
क्या है नैक, कैसे तय होती है ग्रेड
यूजीसी के अंतर्गत नैक की टीम के निरीक्षण में शैक्षणिक संस्थाओं का निरीक्षण करती है। प्रत्येक पांच वर्ष में नैक द्वारा विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में पढ़ाई का स्तर, कोर्स डिजाइन, परीक्षा आयोजन का स्तर, स्टाफ संख्या, संस्थान के भवन की क्षमता, छात्र संख्या, प्लेसमेंट का स्तर, शोध, प्रयोगशाला की स्थिति और खेलकूद की सुविधाओं के पैरामीटर पर रिपोर्ट तैयार की जाती है। इसके आधार पर ग्रेडिंग होती है। नैक की टीम संतुष्ट होती है तो कालेज को उसी आधार पर सीजीपीए दिए जाते हैं, जिसके बेसिस पर बाद में ग्रेड दिया जाता है. एक बार नैक ग्रेडिंग मिल जाने के बाद ये पांच साल के लिए मान्य होता है. पांच साल बाद फिर से रेटिंग दी जाती है।