ग्वालियर व चंबल – आयोजन पर 10 करोड़ खर्च होने का अनुमान …!
अनुमान:आयोजन पर 10 करोड़ खर्च होने का अनुमान, 2018 के विस चुनाव में 6 सीट कांग्रेस और 1 सीट गुना पर भाजपा जीत पाई थी
- इसके बाद केंद्र सरकार ने यह एक्ट वापस पुराने स्वरूप में ला दिया …
आंबेडकर महाकुंभ में ग्वालियर व चंबल के 8 जिलों से 1 लाख लोगों को जुटाने का लक्ष्य है। आयोजन पर 10 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। दरअसल, अंचल की 34 विधानसभा सीटों में 7 सीट अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। 2018 के विस चुनाव में इनमें से 6 सीट कांग्रेस और 1 सीट गुना पर भाजपा जीत पाई थी। इसके अलावा ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, अशोकनगर, गुना, शिवपुरी, श्योपुर की 15 सीटों पर अजा व अजजा वर्ग की मतदाता संख्या बड़ा उलटफेर करने वाली संख्या में है।
एससीएसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ 2 अप्रैल 2018 को हुए दंगों के बाद दलित संगठनों ने देशभर में आंदोलन किया था और ग्वालियर चंबल संभाग में यह ज्यादा उग्र रहा। इस दौरान 3 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने यह एक्ट वापस पुराने स्वरूप में ला दिया। इसके बाद सवर्ण संगठन भाजपा से नाराज हो गए। नतीजतन, ग्वालियर चंबल संभाग की 34 सीटों में से 2018 में भाजपा को सिर्फ 7 सीटें ही मिल सकीं। जानकारों के अनुसार ग्वालियर चंबल संभाग में भाजपा एससी वर्ग को साधने की कोशिश कर रही है। इसलिए भाजपा संगठन और प्रदेश सरकार आंबेडकर जयंती के 2 दिन बाद आंबेडकर महाकुंभ करने जा रही है। महाकुंभ में सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा डॉ. भीमराव आंबेडकर के स्मारक की भी घोषणा करनेे की संभावना है। यह स्मारक ग्वालियर या मुरैना में बनाने का ऐलान हो सकता है।