भ्रष्ट केजरीवाल से सहानुभूति न रखें ..! अजय माकन की कांग्रेस से अपील …
अजय माकन की कांग्रेस से अपील; मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली CM को फोन करके समर्थन जताया था …
कांग्रेस नेता अजय माकन ने पार्टी से अपील की है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए कोई सहानुभूति न दिखाएं और उन्हें सपोर्ट न करें। माकन ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और उनके नेताओं पर दिल्ली शराब नीति मामले में भ्रष्टाचार के गंभीर केस दर्ज हैं। ऐसे में उनका साथ देने से कांग्रेस कार्यकर्ता कंफ्यूज होंगे और इसका फायदा भाजपा को मिलेगा।
एक दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अरविंद केजरीवाल को कॉल करके CBI पूछताछ को लेकर सहानुभूति जताई थी। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को चुनौती देने के लिए विपक्षी एकजुटता की बात भी की थी। इसी को लेकर अजय माकन ने ट्वीट के जरिए अपना पक्ष रखा है।
केजरीवाल पर लगाया घीगेट का आरोप
माकन ने ट्वीट किया कि केजरीवाल और उनके साथियों जैसे लोग, जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले दर्ज हैं, उन्हें किसी तरह की हमदर्दी या साथ देने की जरूरत नहीं है। शराब नीति घोटाले और घीगेट जैसे आरोपों की गहराई से जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
दरअसल महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने नेताओं और बिचौलियों से बातचीत करने के लिए ‘15 ग्राम घी’ कोडवर्ड का इस्तेमाल किया था। इसका मतलब था- 15 करोड़ रुपए कैश। माकन ने इसी कोडवर्ड का जिक्र करते हुए केजरीवाल को घी घोटाला करने वाला कहा है।
माकन का ट्वीट विस्तार से यहां पढ़ें…
‘यह पार्टी के नेताओं के लिए यह समझना जरूरी है कि भ्रष्टचार करके कमाए पैसों को केजरीवाल ने पंजाब, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली समेत कई राज्यों में कांग्रेस के ही खिलाफ इस्तेमाल किया है।
अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए केजरीवाल ने 2013 में आम आदमी पार्टी की स्थापना की थी। पार्टी ने लोकपाल लाने का वादा किया था, जिसे उस समय विपक्षी पार्टियों ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार का हल बताया था। लेकिन, केजरीवाल ने 40 दिन में ही अपनी सरकार निरस्त कर दी और मजबूत लोकपाल की मांग करने लगे, जिसे बाद में सार्वजनिक किया गया।
इसके बावजूद दिसंबर 2015 में केजरीवाल ने लोकपाल का एक हल्का संस्करण पेश किया, जो कि 2014 में पेश किए गए वास्तविक बिल से एकदम अलग था। इससे केजरीवाल की असली नीयत और असली चरित्र सामने आ गया। जिस असली बिल को आधार बनाकर केजरीवाल ने अपनी 40 दिनी सरकार को निरस्त किया था, वह अब तक लागू नहीं हुआ है।
2015 से अब तक केजरीवाल और उनकी पार्टी मजबूत लोकपाल बिल लाने के लिए जोर नहीं लगा पाए। बल्कि, उन्हें तो अब सिर्फ विरोध प्रदर्शनों, जुलूस और दूसरों पर आरोप लगाने के लिए जाना जाता है। अब तब CBI और ED ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया है, तो एक मजबूत लोकपाल बिल घीगेट के आरोपों की जांच कर सकता है।
माकन ने कहा कि मैं सभी काबिल एडवोकेट्स और वर्किंग कमेटी के सीनियर सदस्यों से अपील करना चाहूंगा कि कोर्ट में केजरीवाल या उनकी सरकार का केस न लड़ें। हालांकि ये उनका प्रोफेशनल अधिकार है कि वे किसका केस लड़ना चाहेंगे, लेकिन केजरीवाल सरकार का केस लड़ने से हमारे कार्यकर्ताओं को गलत संदेश जाएगा और वे कंफ्यूज हो जाएंगे। इससे कांग्रेस पार्टी के वोट बंट जाएंगे, आखिरकार जिसका फायदा भाजपा को ही होगा।’