गन के शौक पर सख्ती ..?

पांच साल में हथियारों के लिए आवेदन 29% तक बढ़े, लेकिन लाइसेंस अलॉटमेंट में 42% की गिरावट …

भोपाल में हथियार रखने के शौकीनों को प्रशासन की सख्ती के कारण मायूसी हाथ लग रही है। दरअसल पिछले पांच साल में हथियारों के लिए लाइसेंस के आवेदन 29% तक बढ़ गए हैं। यह संख्या 700 से बढ़कर 900 तक पहुंच गई, लेकिन इस दौरान लाइसेंस मिलने की संख्या में 42% की कमी आ गई। कुल आवेदन में लाइसेंस मिलने वालों की संख्या 47% से घटकर 26% पर आ गई है। आवेदन करना तो आसान है, लेकिन कड़ी प्रक्रिया से गुजरने के कारण लाइसेंस मिलना मुश्किल हो गया है।

रायफल और 12 बोर के लिए कलेक्टर ऑफिस से ही लाइसेंस बनाएं जाते हैं, लेकिन पिस्टल और रिवाल्वर के लिए गृह मंत्री की मंजूरी मिलने के बाद ही लाइसेंस बनते हैं। भोपाल में अभी 12 बोर और रायफल के 75% लाइसेंस हैं, जबकि पिस्टल और रिवाल्वर के 25% ही हैं। कलेक्टर आशीष सिंह ने लाइसेंस को लेकर और सख्ती कर दी है। अब तक आवेदन करने के लिए कोई खास फीस नहीं लगती थी, लेकिन अब इसके लिए 5 हजार रुपए फीस तय कर दी है। ऐसे में सिर्फ आवेदन करने के लिए 5 हजार रुपए (रेडक्राॅस के लिए) पहले जमा करना होगा। उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया होगी।

पिस्टल के लाइसेंस के लगेंगे 20 हजार

  • लाइसेंस के लिए आवेदन करने की 5 हजार रुपए फीस तय हो गई है।
  • लाइसेंस मिलने पर अब पिस्टल के लिए 20 हजार और 12 बोर या रायफल के 10 हजार रुपए फीस देना होगी।
  • लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए दोनों ही तरह के हथियारों के लिए 5 हजार फीस देना होगी।

आधी आबादी की बात

जिले के कुल शस्त्र लाइसेंस में से सिर्फ 3% महिलाओं के पास
भोपाल जिले में कुल 9687 लोगों के पास हथियार के लाइसेंस हैं। इनमें से 363 महिलाओं ने भी हथियार के लाइसेंस लिए हुए हैं। यह कुल लाइसेंस का करीब 3% है। पहले सिर्फ राजघरानों और अधिकारियों के परिवारों में ही लाइसेंस ज्यादा संख्या में होते थे, लेकिन अब बिजनेसमैन और आम लोग भी हथियार के लाइसेंस लेने लगे हैं। अलॉटमेंट के वक्त सबसे बड़ा सवाल होता है कि आवेदक को लाइसेंस क्यों देना चाहिए। इसके बाद अन्य शर्तों के पूरा होने के बाद अधिकांश लाइसेंस डीएम स्तर पर ही हो जाते थे, लेकिन अब शासन बहुत-बहुत ज्यादा जरूरी होने पर ही लाइसेंस की मंजूरी देता है। इसी कारण कम संख्या में लाइसेंस बन रहे हैं।

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