नई दिल्ली, । उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट काम्प्लेक्स में तीन नामित/विशेष कोर्ट के गठन को मंजूरी दे दी है। ये कोर्ट बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम 2005 और प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्रोम सेक्सुअल ऑफेंस (पॉक्सो) अधिनियम 2012 के तहत सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों का निपटारा करेंगी।

बच्चों के खिलाफ अपराध, बाल अधिकारों के उल्लंघन और पॉक्सो अधिनियम के तहत सुनवाई से संबंधित मामलों के निपटने के लिए पहले से आठ अदालतें अधिसूचित हैं। अब ये तीन कोर्ट इनके अतिरिक्त गठित होंगी। इस संबंध में सीपीसीआर एक्ट की धारा 25 और पॉक्सो एक्ट की धारा 28 के तहत एलजी से नामित/विशेष कोर्ट के गठन के लिए मंजूरी ली गई थी।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने भेजा था प्रस्ताव

इससे पहले कानून विभाग द्वारा जांच के बाद महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग ने प्रस्ताव को एलजी के पास मंजूरी के लिए भेजा था। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बाल अपराध के मामलों में दिल्ली हाइकोर्ट ने एक दिसंबर 2020 को सीपीसीआर और पॉक्सो अधिनियम के तहत किसी भी सांसद और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में तीन अदालतों को अधिसूचित करने के लिए तत्काल आदेश जारी करने का निर्देश दिया था।

इसके बावजूद दिल्ली सरकार के पास यह प्रस्ताव दो साल सात महीने से भी ज्यादा समय से लंबित पड़ा था। कोर्ट गठित करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री ने 27 जून 2023 को एलजी के पास मंजूरी के लिए भेजा।

पॉक्सो अधिनियम की धारा 28 (1) में कहा गया है कि बाल संरक्षण कानूनों के उल्लंघन के मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए राज्य सरकार उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से आधिकारिक राजपत्र में प्रत्येक जिला के लिए विशेष अदालत नामित करेगी।

सीपीसीआर एक्ट की धारा 25 में कहा गया है कि बाल अधिकारों के उल्लंघन और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में त्वरित सुनवाई के उद्येश्य से राज्य सरकार हाइकोर्ट के मुख्य न्यायधीश की सहमति से नोटिफिकेशन के माध्यम से राज्य में कम से कम एक न्यायालय नामित करेगी या प्रत्येक जिले के लिए उक्त अपराधों की सुनवाई के लिए एक सेशन कोर्ट जो बाल अदालत में निर्दिष्ट करेगी।