फर्जी डिग्री के आधार पर झोलाछाप डॉक्टर कर रहे चांदी ..!
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी से कई क्लीनिक हो रहे संचालित
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी से कई क्लीनिक हो रहे संचालित
उपचार के नाम पर मरीजों की सेहत से झोलाछाप कर रहे खिलवाड़
फर्जी डिग्री के आधार पर झोलाछाप डॉक्टर कर रहे चांदी
ग्वालियर चम्बल ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के चलते बड़ी संख्या में झोलाछाप डॉक्टर अपने क्लीनिक संचालित कर गंभीर बीमारी के मरीजों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। वर्तमान में मलेरिया डेंगू और वायरल बुखार के मरीजों की बढ़ती हुई संख्या के चलते ग्वालियर चम्बल अंचल ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज बिना डिग्री डिप्लोमा के झोलाछाप डॉक्टरों इलाज करवा रहे हैं । इस और प्रशासन का कोई भी ध्यान नहीं झोलाछाप डॉक्टरों ने भी मुख्य बाजार और हर गली-मोहल्ले में अपने क्लीनिक खोल लिए हैं।
100 से 200 रुपए तक लेते हैं फीस
में झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें मरीजों से भरी पड़ी हैं।झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज ग्लूकोज की बोतलें तथा इंजेक्शन लगाने से शुरू करते हैं। एक बोतल चढ़ाने के लिए फीस 300 से 500 रुपए लेते हैं। ऐसे में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। जहां फर्जी झोलाछाप डॉक्टर हाई डोज और अधिकतर बॉटल चढ़ाकर उपचार कर मरीज का उपचार कर उनके जीवन से खिलवाड़ करने में लगे हैं। लेकिन लंबे समय से सबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कार्रवाई न किए जाने से इनकी संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है। झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज पर रोक लगाने राज्य शासन के निर्देश के बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारी इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिससे इनके हौंसले बुलंद हो रहे हैं। स्थिति यह है कि इनके पास कोई डिग्री है न कोई इलाज करने का लाइसेंस है फिर भी यह लोगों का खुलेआम इलाज कर रहे है साथ ही बड़ी संख्या में इनके पास दवाइया,इंजेक्शन भी इनके क्लीनिक में रखते हैं और मरीजों को इन्हीं के पास की दवाइयां है जो मरीजों को देकर मोटी रकम भी ग्रामीणों से वसूल रहे हैं। जिसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग द्वारा अवैध रूप से चिकित्सा व्यवसाय कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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