MP में ‘माननीयों’ को सब मुफ्त में चाहिए … रेस्ट हाउस में रुकने का 20 रुपए दिन का किराया भी नहीं देना चाहते 400 पूर्व विधायक, दफ्तर के खर्च की भी छूट मांगी
मध्यप्रदेश के 400 से अधिक पूर्व विधायक विधानसभा के रेस्ट हाउस में रुकने का 20 रुपए प्रतिदिन किराया भी नहीं देना चाहते हैं। वे चाहते हैं विधानसभा में जो उनका दफ्तर है, उसके चाय-नाश्ते का खर्च भी विधानसभा ही उठाए। पूर्व विधायकों की इस डिमांड को देखते हुए विधानसभा इसी सप्ताह छूट देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए तीन मार्च को सभी पूर्व विधायकों को भोपाल बुलाया गया है।
इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. गिरीश गौतम छूट की घोषणा कर सकते हैं। दूसरी तरफ टोल-टैक्स से छूट वाली इनकी फाइल भी जल्द निर्णायक स्तर पर पहुंचने वाली है। इनकी गाड़ियों में फास्टेग लगेगा, जिसका बिल सरकार भरेगी। गौरतलब है कि अभी पूर्व विधायकों को पहले तीन दिन 20 रुपए, इसके बाद के तीन दिन 50 रुपए और उसके बाद 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से किराया लगता है। इसके अलावा विधायकों को 4% ब्याज पर गाड़ी के लिए 25 लाख और मकान के लिए 50 लाख रुपए का लोन भी मिलेगा।
रेस्ट हाउस के 3 रूम एक दिन का किराया 4.50 रुपए
रेस्ट हाउस में पूर्व विधायकों से चार गुना कम किराया विधायकों का लगता है। रेस्ट हाउस के खंड क्रमांक एक-दो और तीन में प्रति कमरा 1.50 रुपए किराया है। विधायक कम से कम तीन रूम लेते हैं, जिनका हर रोज का किराया 4.50 रुपए है। यानी महीने का 135 रुपए। पारिवारिक खंड का रोजाना 3 रुपए देना पड़ता है। यानी महीने का 90 रुपए।
कोरोना का असर… दो साल से नहीं मिल रहा था लोन
बजट सत्र में विधायकों को मकान और वाहन के कर्ज की सुविधा फिर मिल सकती है। कोरोना के कारण दो सालों से यह बंद है। विधायकों को वाहन के लिए 15 लाख रुपए और मकान के लिए 25 लाख रुपए लोन मिलता है। इसे बढ़ाकर वाहन के लिए 25 लाख और मकान के लिए 50 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है। मकान और वाहन का कर्ज विधायकों को 4% ब्याज पर मिलता है।
शासन से भी लगेगी सहमति
- टोल टैक्स पर एक वाहन को छूट।
- शासन की प्रोटोकॉल सूची में नाम जुड़ना।
- दिल्ली के मप्र भवन में आरक्षण मिले।
- विधायकों के वेतन से आधी पेंशन।
इनपर विधानसभा निर्णय लेगी
- फर्स्ट एसी की पात्रता पूर्व विधायक को देने के साथ सहयोगी को स्लीपर में जाने की सहूलियत, रेस्ट हाउस में छूट और चाय-नाश्ते का बजट और यात्रा कूपन को बढ़ाने पर भी फैसला लिया जाएगा।
सभी मांगों पर बात कर निर्णय
तीन मार्च को उन्हें बुलाया है। उनकी मांगों पर उसी दिन बात करके निर्णय लेंगे। टोल व रेस्ट हाउस में छूट के साथ चाय-नाश्ते का बजट समेत कई बातें हैं। प्रोटोकॉल का भी विषय है।
– डॉ. गिरीश गौतम, अध्यक्ष, मप्र विधानसभा