गुजरात की शराबबंदी को ठेंगा दिखा रहे तस्कर ..!
जीएसटी के फर्जीवाड़े से गुजरात की शराबबंदी को ठेंगा दिखा रहे तस्कर
यह फर्म ही बोगस है जिसे कर चोरी और बोगस बिल जारी कर फर्जी आइटीसी हासिल करने के लिए बनाया गया था।
दो दिन पहले विभाग की टीमें गाड़ियों के बिलों की जांच के लिए घाटा बिल्लौद पर निरीक्षण कर रही थी।
इंदौर,। गुजरात में लागू शराबबंदी को जीएसटी के फर्जीवाड़े के जरिए ठेंगा दिखाया जा रहा है। मप्र, राजस्थान और हरियाणा से तस्करी कर शराब गुजरात भेजी जा रही है। मप्र वाणिज्यिककर विभाग (स्टेट जीएसटी) ने इसका खुलासा किया है।
शनिवार से विशेष आपरेशन कर वाणिज्यिककर विभाग ने न केवल शराब बल्कि तस्करी गिरोह का सिरा पकड़ा बल्कि गाड़ियों में छुपाई गई 400 पेटी से ज्यादा शराब भी जब्त की गई है। जांच में अब अन्य एजेंसियों को भी शामिल किया जा रहा है। वाणिज्यिककर विभाग इंदौर के दल ने झाबुआ-दत्तीगांव में दो ट्रकों (एमएच-15 एचएच 4210 और जीजे 15 एटी 6003) को पकड़ा।
विभाग की डाटा एनालिटिक्स की टीम ने एक खास फर्म के नाम जारी ई-वे बिल के आधार पर इन गाड़ियों को रोका। पहले ट्रक में सीमेंट के पाइप थे जबकि गुजरात के दूसरे ट्रक में डेयरी (दूध प्लांट) की मशीन थी। इंदौर वाणिज्यिककर मुख्यालय लाकर ट्रकों की जांच की गई तो ट्रक के फ्लोर के नीचे खाली जगह बनाई गई मिली। इसमें 314 पेटी शराब छुपाकर रखी गई थी। सोमवार को दूसरे ट्रक में रखी डेयरी मशीन को खुलवाया गया तो मशीन के भीतर भी शराब की पेटियां छुपी मिलीं।
बोगस कंपनी के नाम से बिल
दोनों गाड़ियों के ई-वे बिल और बिल श्रेयांस ओवरसीज ट्रेडिंग कंपनी इंदौर के नाम से बने हुए थे। वाणिज्यिककर विभाग हैरान है क्योंकि श्रेयांस नाम की इस फर्म का जीएसटी पंजीयन मप्र पहले से निरस्त कर चुका है। न तो इस कंपनी के पते पर कोई मिला, न ही इसके संचालकों के नाम-पते सही मिले।
300 पेटी से ज्यादा शराब
एक गाड़ी में से ही 300 पेटी से ज्यादा शराब मिल चुकी है। ट्रक और प्रकरण एसटीएफ को सौंपे जा रहे हैं। स्पष्ट तौर पर यह अंतरराज्यीय गिरोह है। हम बोगस फर्म बनाने वाले असल व्यक्तियों तक पहुंचने की दिशा में जांच में जुटे हैं। हरियाणा-मप्र-राजस्थान से गुजरात शराब तस्करी करने के संकेत मिले हैं।
अतिरिक्त आयुक्त वाणिज्यिककर मप्र