मॉनीटरिंग के लिए खरीदे लाखों के टेबलेट, नहीं सुधरे स्कूलों के हालात
भिण्ड. शिक्षा विभाग में चुस्त निगरानी व्यवस्था के लिए 28.65 करोड़ रुपए की लागत से खरीदे गए टेबलेट का छह माह बाद भी सदुपयोग नहीं दिखा है। स्मॉर्ट मॉनीटरिंग की जो व्यवस्था बताने का प्रयास किया गया था, वैसा कहीं दिख नहीं रहा है। विभागीय निरीक्षणों में भी इसकी पोल खुल रही है और व्यावहारिक तौर भी कहीं टेबलेट का सदुपयोग होता नहीं दिखा है। शिक्षा विभाग को दिसंबर 2022 के अंत में इसके लिए स्वीकृति दी गई थी।
जैम पोर्टल के माध्यम से यह खरीद होनी थी। विभाग का दावा है कि यह खरीद हो चुकी है, लेकिन यह नहीं बता पा रहा है कितनी खरीद हुई। इसके पीछे तर्क यह है कि टैबलेट सीधे इच्छुक शिक्षकों को खरीदने थे, बिल भी ऑनलाइन ही प्रस्तुत करने थे और उसके आधार पर शासन से बजट उपलब्ध कराया जाना था। जिले को 191 खरीदने का लक्ष्य दिया गया था, इसके लिए अधिकतम 15 हजार रुपए तक खर्च करने की अनुमति थी। लेकिन विभाग कुल खरीदे गए टेबलेटस की जानकारी नहीं दे पा रहा है। जबकि 15 हजार रुपए के हिसाब से इनकी खरीदी पर 28.65 लाख रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया था।
टेबलेट्स तो खरीदने के निर्देश आए थे, शिक्षक को सीधे ही खरीदने थे और बिल जैम पोर्टल के माध्यम से देने थे। हमने जम्होरा में इसका उपयोग होता देखा है। जिले में और पता करवा लेंगे, कहां क्या स्थिति है।
एचबीएस तोमर, जिला परियोजना समन्वयक, भिण्ड
इनको दिए गए हैं टेबलेट्स …
जिले में 191 खरीदी का था लक्ष्य …
मेहगांव में निरीक्षण में खुली पोल
नया शिक्षण सत्र शुरू होने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी मेहगांव ने तीन बार स्कूलों का निरीक्षण किया। हर बार आधे स्कूल बंद मिले और आधे में विद्यार्थी ही उपस्थित नहीं मिले। इसी प्रकार सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी ने भी जम्होरा में विद्यालय का निरीक्षण किया तो तीन शिक्षक अनुपस्थित मिले। यह स्थिति तो अक्सर बनती रहती है।