ग्वालियर। देशभर में मिलावट को लेकर कुख्यात ग्वालियर चंबल अंचल में इस बार रक्षाबंधन के त्योहार पर मिलावट रोकने की कोई बड़ी तैयारी नहीं है। रक्षाबंधन पर ही मिठाई का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है, जिसमें सबसे ज्यादा भिंड और मुरैना का मिलावटी मावा-पनीर ग्वालियर में खपाया जाता है। बड़ी प्लानिंग हो तब यह रुकेगा, लेकिन इधर दफ्तरों में ही मिलावट से जुड़े केसों पर सुनवाई को लेकर कोई फिक्रमंद नहीं है। ग्वालियर से भोपाल भेजी जाने वाली सैंपल रिपोर्ट की संख्या 150 के आसपास है, जिनकी रिपोर्ट आएगी तब केस फाइल होंगे। इधर एडीएम कोर्ट यानी न्याय निर्णयन अधिकारी के यहां 400 ऐसे केस हैं, जिनका निराकरण शेष है। सीधी बात कि मिलावट के मामलों की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन फूड सेफ्टी आफिसरों से लेकर आला अफसरों पर समय नहीं है।

ग्वालियर में आठ फूड अधिकारियों के लिए जिम्मे मिलावट से निपटने की तैयारी है। इतना ही नहीं अभी फूड सेफ्टी की लैब शुरू होने में छह माह लगेंगे। ग्वालियर में मावा और पनीर को लेकर बड़ी सप्लाई होती है। रेल से लेकर बसों व निजी लोडिंग वाहनों से की जाती है। भिंड से मावा, मुरैना से पनीर की आवक है। लेकिन यह मिलावटी है या नहीं यह कोई नहीं जानता। अधिकतर केसों में मुखबिर तंत्र सक्रिय करके जब भी कार्रवाई हुई है। यह माल संदिग्ध ही निकलता है। भिंड और मुरैना से होने वाली सप्लाई में ग्वालियर को सप्लाई स्टेशन की तरह इस्तेमाल किया जाता है। यहां पार्सल आफिस रेलवे स्टेशन पर भी बड़े पैमाने पर मावा, पनीर पकड़ा जा चुका है। हर बार त्योहार के नजदीक ही मिलावटखोर सक्रिय हो जाते हैं।

एक लैब भोपाल के भरोसे, मिलावटखोरों की बढ़ जाती हिम्मत

ग्वालियर में सालों से फूड लैब का काम हुरावली पहाड़ी पर चल रहा है, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो सका है। अब वर्तमान स्थिति में छह माह का समय और बताया जा रहा है। भोपाल की लैब पर पहले से लोड है। इसलिए ग्वालियर के सैंपलों में देरी होती है। इसका नतीजा यह कि मिलावट करने वाले व्यक्ति के भीतर कोई भय नहीं रह जाता है।

ग्वालियर: कुल खाद्य प्रतिष्ठान 1700, इनमें 400 मिष्ठान के

फूड सेफ्टी विभाग के आंकड़ो पर गौर करें तो ग्वालियर जिले में 1700 खाद्य प्रतिष्ठान और फर्म हैं। इतने फूड लाइसेंस की संख्या दर्ज है। इनमें 400 ऐसे प्रतिष्ठान हैं, जो मिष्ठान का विक्रय करते हैं। त्योहारों पर खासकर मिष्ठान को लेकर सबसे ज्यादा बिक्री बाजार में रहती है, जिसमें मावा और पनीर से जुड़ी मिठाई पसंद की जाती हैं। इतनी बड़ी संख्या में प्रतिष्ठान तो हैं, लेकिन आठ अधिकारी जिले में हैं।

रक्षाबंधन के त्योहार के चलते हमने तीन टीमों का गठन कर दिया है, जिससे वे खाद्य प्रतिष्ठानों विशेष निगरानी के साथ सैंपलिंग का कार्य करें। इसके साथ ही बड़़ी फर्मों पर भी कार्रवाई की जाएगी। सैंपल रिपोर्ट जल्द मंगवाने का प्रयास किया जाता है इसके लिए पत्र भी लिख रहे हैं।

फूड सेफ्टी व एसडीएम