एक फिंगरप्रिंट से सामने आएगा अपराधियों का काला चिठ्ठा !
नेशनल आटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (NAFIS) की मदद से अब एक फिंगर प्रिंट से अपराधियों का सारा काला चिठ्ठा सामने आ जाएगा। देश भर के एक करोड़ से अधिक अपराधियों का डाटा इस नेटवर्क में रखा जा चुका है। पढ़ें NCRB द्वारा तैयार ये सिस्टम कैसे करता है काम।नेशनल आटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (एनएएफआइएस) का आज मिलेगा केंद्रीय स्तर पर ‘गोल्ड श्रेणी का पुरस्कार’
- NAFIS में दर्ज हुआ देशभर के 1 करोड़ से अधिक अपराधियों का डाटा
- मोबाइल एप के जरिए एक अंगुली रखने से होगी अपराधी की पहचान
- NAFIS को मिल रहा NCRB का गोल्ड अवार्ड
इंदौर। नेशनल आटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (NAFIS) में देशभर के करीब 1 करोड़ से अधिक अपराधियों का डेटा एक क्लिक पर उपलब्ध हो गया है। इस सिस्टम के तहत इस रिकार्ड में दर्ज किसी भी अपराधी का फिंगर प्रिंट अथवा बायोमेट्रिक पहचान से उसके सारे अपराधिक रिकॉर्ड निकाला जा सकता है। इसे राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) ने तैयार किया है।
पुलिस द्वारा अपराध में गिरफ्तार किए व्यक्ति का एक 10 अंकों का विशिष्ट राष्ट्रीय फिंगरप्रिंट नंबर (NFN) बनाया जाता है। इसमें अपराधी के फोटो, फिंगरप्रिंट, को दर्ज किया जाता है। अपराधी पर दर्ज विभिन्न अपराधों की FIR को एक ही एनएफएन से जोड़ा जाता है। इस सिस्टम को CCTNS (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स) डेटाबेस में शामिल किया जाता है। ऐसे में अपराधी के देश में कही भी पकड़े जाने पर उसके फिंगर प्रिंट या बायोमेट्रिक से एक क्लिक में उसका रिकार्ड सामने आ जाता है। NAFIS के आने के बाद पिछले 1 साल में 3 हजार से अधिक मामलों को सुलझाया जा चुका है।
NAFIS को अवार्ड
आटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम तकनीक व इसकी मदद अपराधियों की पहचान व नियंत्रण पर हुई कार्रवाई के सफल परिणामों के कारण इसे पुरस्कृत किया जा रहा है। इंदौर में हो रही 26 वीं राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस कांफ्रेंस में राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरों द्वारा तैयार किए गए ‘एनएएफआइएस’ सिस्टम को शुक्रवार केंद्र स्तर प्रतिष्ठानों में ‘गोल्ड कैटगरी’ में एकमात्र अवार्ड और 10 लाख रुपये की राशि मिलेगी। यह आयोजन में सर्वोच्च स्तर का यह पुरस्कार पाने वाला एकमात्र सिस्टम है। राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार में पांच श्रेणियों में 48 अधिकारी व संस्थाओं को भी आज यह पुरस्कार मिलेगा।
मोबाइल एप पर एक अंगुली रखने से होगी अपराधी की पहचान
एनएएफआइएस सिस्टम के तहत अभी जिला मुख्यालयों पर यह साफ्टवेयर उपलब्ध है जिसके माध्यम से किसी भी अपराधी के फिंगर प्रिंट लेकर उसकी पहचान की जाती है। जल्द ही सभी पुलिस थानो और यहां तक की पुलिस अधिकारियों को मोबाइल एप के माध्यम से अपराधियों को पहचान करने की सुविधा मिल सकेगी। एनएएफआइएस का एक माेबाइल ऐप जल्द तैयार किया जा रहा जो उपलब्ध होगा। इसमें मोबाइल के सेंसर पर एक अंगुली रखते ही अपराधी की कुंडली सामने आ जाएगी।
जल्द इस नेटवर्क में होगा CBI और NIA का डाटा
वर्तमान में पुलिस व उसके समक्ष सुरक्षा एजेंसियों के पास दर्ज अपराधियों का डेटा NAFIS में है। अब CBI और NIA को भी इसका एक्सेस दिया गया है। ऐसे में इन एजेंसियों के पास पास दर्ज अपराधियों का डेटा भी इस सिस्टम में आ जाएगा। ऐसे में वांटेड व कुख्यात अपराधियों की भी NAFIS के माध्यम से पहचान करने में आसानी होगी।
प्रदेश के 1 लाख 56 हजार 934 अपराधियों का डाटा
NAFIS में 31 मई 2023 तक दर्ज रिकार्ड के मुताबिक मप्र के 1 लाख 56 हजार 934 अपराधियों का रिकार्ड दर्ज है। इस नेटवर्क पर अपराधियों का सबसे ज्यादा डेटा अपलोड करने में MP के साथ तमिलनाडु, दिल्ली राज्य अव्वल है।
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एक साल में एक क्लिक पर एक करोड़ से ज्यादा अपराधियों की कुंडली तैयार
नेशनल आटोमैटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम को आज मिलेगा केंद्रीय स्तर पर ‘गोल्ड श्रेणी का पुरस्कार’।
एनएएफआइएस के इस सिस्टम से अपराधियों की फिंगर प्रिंट से उसकी अपराधिक कुंडली एक क्लिक पर सामने आ जाती है।
एनएएफआइएस सिस्टम काे राष्ट्रीय ई-गर्वनेंस कान्फ्रेंस में केंद्रीय स्तर पर गोल्ड श्रेणी में मिलने वाले पुरस्कार को राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के धनंजय जाधव व शिवाजी त्रिपाठी लेंगे। -नईदुनिया