भारत आज यह एक अरब दिमागों वाला देश’ !

‘भारत पहले एक अरब भूखों के देश के तौर पर जाना जाता था, आज यह एक अरब दिमागों वाला देश’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘लंबे समय से भारत को एक अरब भूखे पेटों वाले देश के तौर पर देखा जाता है, लेकिन आज यह एक अरब आकांक्षी दिमांगों और दो अरब कुशल हाथों वाला देश है।’ 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत आज एक अरब आकांक्षी दिमागों वाला देश है। पीएम मोदी ने कहा कि भारतीयों के पास आज मौका है कि वह ऐसे विकास की आधारशिला रखें, जिसे अगले हजारों सालों तक याद रखा जाए। बता दें कि न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि ‘गैरजिम्मेदार आर्थिक नीतियों और लोक-लुभावन नीतियों से कम वक्त में राजनीतिक फायदा मिल सकता है लेकिन लंबे समय में इसकी बड़ी आर्थिक और सामाजिक कीमत चुकानी पड़ती है। इनकी वजह से गरीब लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है।’ 

भारत एक अरब दिमागों वाला देश
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘लंबे समय से भारत को एक अरब भूखे पेटों वाले देश के तौर पर देखा जाता है, लेकिन आज यह एक अरब आकांक्षी दिमागों और दो अरब कुशल हाथों वाला देश है।’ जी20 की अध्यक्षता को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 की अध्यक्षता मिलने से भारत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इनमें से कुछ मेरे  दिल के बेहद करीब हैं। गैरजिम्मेदार आर्थिक नीतियों और लोक-लुभावन नीतियों से कम वक्त में राजनीतिक फायदा मिल सकता है लेकिन लंबे समय में इसकी बड़ी आर्थिक और सामाजिक कीमत चुकानी पड़ती है। इनकी वजह से गरीब लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है।

’20वीं सदी की सोच 21वीं सदी में नहीं चलेगी’
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पास लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और विविधता है और अब हम इसमें एक और डी जोड़ रहे हैं और वो डी है डेवलेपमेंट (विकास)। संयुक्त राष्ट्र में सुधार की मांग करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 20वीं सदी की सोच 21वीं सदी में नहीं चल सकती। उन्होंने कहा कि यदि बहुपक्षीय बड़े संस्थान समय के साथ नहीं बदलते हैं तो छोटे क्षेत्रीय मंच ज्यादा अहम हो जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को बदलती हकीकत को समझना चाहिए और अपनी प्राथमिकताओं पर फिर से गौर करना चाहिए ताकि सभी को प्रतिनिधित्व मिल सके। 

‘भारत ने 2070 तक नेट जीरो बनने का लक्ष्य रखा है। सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों को लेकर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि फर्जी खबरें और डीप फेक अराजकता फैला सकती हैं और साथ ही इससे समाचार स्त्रोतों की विश्वसनीयता भी खो सकती है। इससे सामाजिक तौर पर अशांति फैल सकती है। कर्ज संकट दुनिया के लिए गंभीर संकट है और खासकर विकासशील देश इससे ज्यादा प्रभावित हैं। हम जी20 अध्यक्ष रहें या ना रहें, हम दुनिया भर में शांति स्थापित होने का समर्थन करते रहेंगे।’
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जी-20, आतंकवाद, भ्रष्टाचार और अर्थव्यवस्था पर क्या बोले पीएम मोदी, पढ़ें इंटरव्यू की 10 बड़ी बातें
PM Modi Interview: पीएम नरेंद्र मोदी ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि पिछली सरकारों को दूसरे राज्यों के लोगों पर भरोसा नहीं था इसलिए पहले दिल्ली के बाहर वैश्विक स्तर के कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में जी-20 सम्मेलन, देश की अर्थव्यवस्था, रूस-यूक्रेन युद्ध, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता, जातिवाद और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर बात की. प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर दोहराया कि 2047 तक भारत विकसित देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि गैर जिम्मेदार वित्तीय नीतियां और लोकलभुवान वादे थोड़े समय के लिए राजनीतिक रूप से फायदा दे सकते हैं, लेकिन  लंबी अवधि में इसकी सामाजिक और आर्थिक कीमत चुकानी पड़ सकती है. वहीं, जी-20 सम्मेलन पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह उनके दिल के बेहद करीब है. इसके जरिए हमारी बातों और दृष्टिकोण को दुनिया सिर्फ विचारों के रूप में नहीं बल्कि भविष्य के रोडमैप के रूप में देख रही है. रविवार (3 सितंबर) को पीटीआई की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का इंटरव्यू जारी किया गया. आइए जानते हैं इंटरव्यू की 10 बड़ी बातें-
  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता में कई सकारात्मक प्रभाव हुए हैं, जिनमें से कुछ उनके दिल के बेहद करीब हैं. जीडीपी केंद्रित दृष्टिकोण मानव केंद्रित में बदल रहा है. कश्मीर और अरूणाचल प्रदेश में जी-20 की बैठकें कराए जाने पर पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों को खारिज करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश के हर हिस्से में बैठक कर सकते हैं.
  2. पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों को दूसरे राज्यों के लोगों पर भरोसा नहीं था इसलिए उन्होंने दिल्ली के बाहर हाईप्रोफाइल वैश्विक स्तर के कार्यक्रम आयोजित नहीं किए. उन्होंने कहा कि सबसे पिछड़े और नजरअंदाज किए गए लोगों को संबोधित करने की उनकी सरकार की डोमेस्टिक एप्रोच वैश्विक स्तर पर उनका मार्गदर्शन कर रही है. 
  3. पीएम मोदी ने कहा कि भारत की G20 प्रेसीडेंसी का विषय ‘वसुधैव कुटुंबकम’ सिर्फ नारा नहीं बल्कि देश के सांस्कृतिक लोकाचार से प्राप्त व्यापक दर्शन है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शॉर्ट टर्म के लिए फाइनेंशियल पॉलिसी और लोकलुभावन वादे हमें राजनीतिक लाभ दे सकते हैं, लेकिन इनके प्रभाव को लंबे समय के लिए देखा जाए तो इसकी सामाजिक और आर्थिक तौर पर बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि ऐसी नीतियों का हर्जाना सबसे गरीब और कमजोर लोगों को भुगतना पड़ता है.
  4. प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक महंगाई जैसे मुद्दों से निपटने के लिए जरूरी है कि समय पर नीतिगत रुख पर स्पष्ट बात हो. महंगाई दुनिया के सामने प्रमुख मुद्दा है, भारत की G20 अध्यक्षता के जरिए इसकी भी पहचान हुई कि किसी देश में महंगाई विरोधी नीतियां दूसरों को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं.
  5. पीएम मोदी ने कहा कि लंबे समय तक भारत को भुखमरी वाले देश के तौर पर देखा जाता था, लेकिन आज इसकी तस्वीर बदल चुकी है. उन्होंने कहा कि काफी समय तक भारत को ऐसे देश के तौर पर देखा जाता था, जहां अरबों लोग भुखमरी से पीड़ित हैं, जबकि आज भारत के पास 1 अरब एस्पीरेशनल माइंड और 2 अरब स्किल्ड हाथ हैं.
  6. पीएम मोदी ने 9 साल के कार्यकाल पर बात करते हुए कहा कि इस दौरान कई सुधार हुए और विकास इसका उदाहरण है. आज भारतीयों के पास विकास की नींव रखने का शानदार मौका है, जिसे अगले हजार सालों तक याद किया जाएगा.
  7. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि 2047 तक भारत विकसित देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा.  उन्होंने एक दशक से भी कम समय में पांच पायदान की छलांग लगाने के देश के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए यह बात कही. पीएम मोदी ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ भी विश्व कल्याण के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकता है.
  8. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जब भारत आजादी के 100 साल का जश्न मना रहा होगा तो देश में भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता जैसी चीजों के लिए कोई स्थान नहीं बचेगा.
  9. आतंकवाद के मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकी अपने नापाक इरादों को पूरा करने के लिए डार्कनेट, मेटावर्स और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर रहे हैं, सामाजिक तौर पर इसका प्रभाव पड़ सकता है. ऐसे में इन गतिविधियों के खिलाफ साइबरस्पेस ने अहम भूमिका निभाई है.
  10. प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि फर्जी और झूठी खबरें फ्यूल का काम कर रही हैं और ये समाज में अशांति फैलती हैं. न्यूज स्त्रोतों की विश्वसनीयता भी इनकी वजह से कम हो रही है. 

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