एडिटिंग ऐप की बाढ़, छुटभैये नेता सबसे ज्यादा कर रहे इस्तेमाल !
एडिटिंग ऐप की बाढ़, छुटभैये नेता सबसे ज्यादा कर रहे इस्तेमाल
आखिर सवाल साख का है…. चुनावी मौके का फायदा उठाने की जुगत में साइबर ठगों ने बना दिए फर्जी ऐप
भोपाल. मौका कोई भी हो, उसकी खबरों को प्रसारित करने और लोकप्रिय बनाने में सोशल मीडिया हर जगह महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में नेता भी इसका महत्त्व समझते हैं और रोज अपनी तस्वीरें, खबरें, वीडियो और दौरे व भ्रमण की पल-पल की खबरें जनता तक पहुंचाने के लिए वे सोशल मीडिया के मंच का जमकर इस्तेमाल करते हैं। या यूं कहा जाए कि नेताओं को सोशल मीडिया का चस्का लग चुका है और हर नेता अपने हिसाब से टीम लगाकर सोशल मीडिया भी हैंडल करवा रहा है। चुनावी साल में सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल करने वालों और ऐप बनाने, संचालित करने वालों की भी चांदी हो रही है। इसी वजह से चुनावी सीजन में एडिटिंग ऐप की बाढ़ भी आ गई है। यानी अब कोई भी नेता आसानी से ऐसे ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, जिनके माध्यम से वे अपनी तस्वीरें, खबरें या प्रचार सामग्री को सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं।
साइबर ठग भीहो गए सक्रिय
नेताओं की सोशल मीडिया पर सक्रियता को देखते हुए साइबर ठग भी सक्रिय हो गए हैं। लिहाजा अब कई ऐसे फर्जी ऐप भी बन चुके हैं, जिन्हें डाउनलोड करते ही आपका फोन हैक होने का खतरा रहता है या उस ऐप की नियम-शर्तों को मानने पर आप आराम से साइबर ठगी का शिकार बन सकते हैं।
छुटभैये में ज्यादालोकप्रिय हैं ऐसे ऐप
राजनीति की दुनिया में बड़े और नामचीन नेताओं ने अपने प्रचार-प्रसार के लिए तो सोशल मीडिया की अलग टीम बना रखी है, लेकिन छुटभैये नेताओं का बजट कम होता है, इसलिए चुनाव से जुड़े ऐसे ऐप उनके लिए ज्यादा उपयोगी हो रहे हैं। वे अपना प्रभाव जमाने के लिए ऐसे ऐप का इस्तेमाल करने का प्रयास कर रहे हैं।
कैसे सहायकहैं ये ऐप
फोटो को आसानीसे एडिट कियाजा सकता है।
वीडियो को प्रभावी तरीके से बनायाजा सकता है।
जयंती, जन्मदिनपर प्रभावी लेआउट बनाया सकता है।
ग्राफिक्स के फीचर का भी आसानी से इस्तेमाल हो सकता है।
चुनावी सीजन में ऐसे ऐप की बाढ़ आ गई है। इनका बाकायदा सोशल मीडिया में प्रमोशन भी करवाया जाता है। ताकि लोगों की नजरों में ऐसे ऐप आए। खैर ऐसे ऐप को डाउनलोड करते समय सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
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