ग्वालियर : 16 लाख से ज्यादा मतदाता छह विधानसभा में करेंगे जीत-हार का फैसला
ग्वालियर में 17 नवंबर को मतदान, 3 दिसंबर को परिणाम:16 लाख से ज्यादा मतदाता छह विधानसभा में करेंगे जीत-हार का फैसला
- कोई नई घोषणा नहीं, भूमिपूजन, शिलान्यास पर भी प्रतिबंध ….
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। 17 नवंबर को ग्वालियर सहित पूरे प्रदेश में एक ही चरण में मतदान होगा, जिसके नतीजे (मतगणना) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। तारीख घोषित होते ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। आचार संहिता लागू होते ही जिला प्रशासन ने सरकारी इमारतों, चौराहों, भवनों से होर्डिंग्स, बैनर हटाने शुरू कर दिए हैं। पुलिस ने भी मोर्चा संभाल लिया है। ग्वालियर की 6 विधानसभा सीट पर 1609237 मतदाता भाजपा-कांग्रेस सहित अन्य दलों के प्रत्याशियों की जीत हार का फैसला करेंगे। इनमें 8.53 लाख पुरुष तो 7.55 लाख महिला मतदाता हैं। तो इस बार महिलाओं की भूमिका सरकार बनाने में अहम होने वाली है। आचार संहिता लागू होने के बाद अब किसी भी विकास कार्य का भूमिपूजन, शिलान्यास व लोकार्पण नहीं किया जा सकेगा। सीएम, मंत्री व अन्य नेता कोई भी नई घोषणा नहीं कर सकेंगे। पर जिन प्रोजेक्ट का भूमिपूजन हो गया है वह यथावत चलते रहेंगे।
साल 2018 के चुनाव के यह रहे नतीजे
– ग्वालियर विधानसभ में कांग्रेस से प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भाजपा के जयभान सिंह पवैया को बड़े अंतर से हराया था। पर साल 2020 में कांग्रेस विधायक तोमर सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए और उपचुनाव 2020 में भाजपा से प्रत्याशी बने और कांग्रेस के सुनील शर्मा को बड़े अंतर से मात दी।
– ग्वालियर पूर्व विधानसभा में साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मुन्नालाल गोयल ने भाजपा के सतीश सिकरवार को हराया था, लेकिन साल 2020 में हुए उपचुनाव मंे मुन्नालाल गोयल भाजपा और सतीश दलबदल कर कांग्रेस से मैदान में उतरे और इस बार कांग्रेस के सतीश ने 7 हजार वोट से जीत हासिल की।
– ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा यहां साल 2018 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी भारत सिंह कुशवाह ने बसपा प्रत्याशी साहब सिंह से लगभग 1600 वोट से जीत हासिल की। कांग्रेस के मदन कुशवाह तीसरे नंबर पर रहे थे।
– ग्वालियर दक्षिण सीट से साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक ने भाजपा के नारायण सिंह कुशवाह को सिर्फ 121 वोट से पाराजित किया था।
– ग्वालियर की डबरा सीट से साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस की इमरती देवी सुमन ने भाजपा के कप्तान सिंह को बड़े अंतर से हराया था। पर साल 2020 में सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुईं इमरती उपचुनाव में भाजपा से उम्मीदवार बनी और कांग्रेस के सुरेश राजे से हार गईं।
– ग्वालियर भितरवार विधानसभा से साल 2018 में कांग्रेस के लाखन सिंह ने एक तरफा जीत हासिल की थी।
इन कामों पर कोई नहीं पड़ेगा असर
आचार संहिता लागू होने के बाद उन कामों पर कोई असर नहीं पड़ेगा जिनका भूमिपूजन हो चुका है। जैसे ग्वालियर में कई ऐसे काम हैं एलिवेटेड रोड के पहले और दूसरे फेस का भूमिपूजन किया जा चुका है। पहले फेस का काम काफी हद तक चल रहा है, जबकि दूसरे फेस के लिए टेंडर अभी होना है। इसी तरह मुरार जिला अस्पताल के उन्नीयकरण का समारोह हो चुका है आगे उसके विकास कार्य मंे कोई रुकावट नहीं आएगी। इस तरह जितने भी एेसे प्रोजेक्ट हैं जिनका काम चल रहा है वह चलता रहेगा, लेकिन नए काम शुरू नहीं किए जा सकेंगे। जैसे लाड़ली बहना योजना का पैसा महिलाओं को मिलता रहेगा। साथ ही गैस सिलेंडर की स्कीम भी चलती रहेगी और उसके फार्म भरे जाएंगे।
आचार संहिता में किन कामों पर होती है पाबंदी
– संहिता लागू होने के बाद केंद्र या राज्य सरकार किसी नई योजना और नई घोषणाएं नहीं हो सकतीं।
– किसी भी विकास कार्य का भूमिपूजन और लोकार्पण भी नहीं हो सकता है।
– चुनावी तैयारियों के लिए सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
– सरकारी गाड़ी, बंगला, हवाई जहाज आदि का उपयोग वर्जित होगा।
– आचार संहिता लागू होते ही दीवारों पर लिखे गए सभी तरह के पार्टी संबंधी नारे व प्रचार सामग्री हटा दी जाती हैं।
– होर्डिंग, बैनर व पोस्टर भी हटा दिए जाते हैं.
– राजनीतिक दलों को रैली, जुलूस या फिर मीटिंग के लिए परमिशन लेनी होती है।
– धार्मिक स्थलों और प्रतीकों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान नहीं किया जाएगा।
– मतदाताओं को किसी भी तरह से रिश्वत नहीं दी जा सकती है। रिश्वत के बल पर वोट हासिल नहीं किए जा सकते है।
– किसी भी प्रत्याशी या पार्टी पर निजी हमले नहीं किए जा सकते है।
– मतदान केंद्रों पर वोटरों को लाने के लिए गाड़ी मुहैया नहीं करवा सकते है।
– मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित नही की जा सकती है।