NewsClick की FIR में UAPA आरोप के अलावा कुछ भी साफ नहीं !

NewsClick की FIR में UAPA आरोप के अलावा कुछ भी साफ नहीं,
NewsClick के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस के द्वारा फाइल की गई FIR कई सारे आरोपों की खिचड़ी (मिश्रण) है, जो आतंकवाद तो क्या, वास्तव में किसी भी आरोप को साबित नहीं करती है।

किसी भी प्रूव को FIR के साथ फाइल किए बिना ये आरोप लगाया गया है कि प्रबीर का अपराध देश की सुरक्षा को कमजोर करने की साजिश है।

ये मामला 2019 के इलेक्शन में रुकावट डालने और सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने और जरूरी सेवाओं में बाधा डालने से जुड़ी हुई है।

ये अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर को ‘भारत का हिस्सा नहीं’ दिखाने के एक ईमेल एक्सचेंज पर आधारित है जिसे देश के खिलाफ ‘साजिश’ बताया गया है।

2020-21 में किसानों के आंदोलन को लंबा खीचने और सेवाओं में रुकावट डालने की बात भी कहता है। अगर हम सीधे तौर पर कहें तो ये बिल्कुल साफ है कि पुलिस, अमेरिकी व्यवसायी नेविल रॉय सिंघम द्वारा NewsClick को भेजे गए फंड को अपनी FIR के साथ जोड़ रही है, जिससे ये केस बनाया जा सके कि ‘चीन के पैसे’ का उपयोग देश में प्रचार, गैरकानूनी एक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए और देश की सुरक्षा को कम करने के लिए किया जा रहा है।

UAPA मीडिया को डराने और सरकार के खिलाफ बोलने वालों को धमकी देने का एक तरीका भी है। रूलिंग पार्टी बीजेपी के लिए चुनाव से ठीक पहले ‘चीन’ का मुद्दा भुनाने की भी एक साजिश हो सकती है।

एक सवाल ये भी है कि क्या दो टेलिकॉम कंपनियों का ‘शेल कंपनियों’ को चलाना और बगैर किसी कनेक्शन के FIR में उसके विषय में बताया जाना जरूरी नहीं है और फन्डिंग करने वाले इन कंपनियों का पता लगाया जाना जरूरी नहीं है?

इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है इस लीगल नेटवर्क को सपोर्ट करने में एक वकील भी शामिल था, जिससे पुलिस इसको अपराध मनाने पर भी विचार कर रही है। ये केस एक गलत विचार या हम कहें मानसिकता: सरकार की आतंकवाद विरोधी कानून (UAPA) का गलत उपयोग करने और व्यक्ति और मीडिया अधिकारों को कमजोर करने की सोच को बताता है।

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