रुकी है BJP की अगली लिस्ट ?
इसलिए रुकी है BJP की अगली लिस्ट …
94 होल्ड सीटों में 67 पर मंत्री-विधायक; 40 से ज्यादा के कट सकते हैं टिकट …
बीजेपी विधानसभा चुनाव के लिए चार सूचियों में 230 में से 136 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। 94 सीटों पर नाम होल्ड हैं। इनमें 9 मंत्रियों सहित 67 विधायक काबिज हैं। पांचवीं लिस्ट का इंतजार है, जिसके 15 अक्टूबर तक जारी होने की संभावना है। इस सूची में 30 से 35 नाम घोषित हो सकते हैं। इसमें अधिकांश हारी हुई सीटें हैं।
जानकार कहते हैं कि बीजेपी उम्मीदवारों की अगली लिस्ट टिकट काटने और सीट बदलने वाली होगी। यह भी विकल्प है कि वर्तमान विधायक पर पुनर्विचार हो सकता है, क्योंकि चौथी लिस्ट में 57 विधायकों के नाम जारी हुए थे। तीन विधायकों के टिकट काटे जा चुके हैं।
9 मंत्रियों का इसलिए अटका है टिकट?
बृजेंद्र सिंह यादव – अशोक नगर की मुंगावली सीट से विधायक बृजेंद्र सिंह यादव के टिकट पर संकट है। पार्टी यहां से गुना सांसद केपी यादव को उतारने पर विचार कर रही है।
राम खेलावन पटेल – अमरपाटन से विधायक हैं। सतना से सांसद गणेश सिंह को टिकट दिया जा चुका है। ब्राह्मण समाज की नाराजगी को देखते हुए उम्मीदवार बदलने पर मंथन जारी है।
ओपीएस भदौरिया – भिंड जिले की मेहगांव सीट से विधायक हैं। जातीय समीकरण में फंसे। अटेर सीट से मंत्री अरविंद भदौरिया को टिकट दिया जा चुका है। सर्वे में भी स्थिति ठीक नहीं आई है।
सुरेश धाकड़ – शिवपुरी जिले की पोहरी सीट से विधायक हैं। धाकड़ की गिनती सिंधिया समर्थकों में होती है। सर्वे रिपोर्ट में उनका प्रदर्शन ठीक नहीं है। यहां नए चेहरे को उतारने पर मंथन हो रहा है।
ऊषा ठाकुर – इंदौर की महू सीट से विधायक हैं। यहां पार्टी में उनका विरोध है। उन्हें इंदौर-3 सीट पर शिफ्ट किया जा सकता है, क्योंकि यहां से विधायक आकाश विजयवर्गीय दावेदारी छोड़ चुके हैं।
यशोधरा राजे सिंधिया -शिवपुरी सीट से चार बार की विधायक हैं। उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। यहां पर पार्टी नए नाम पर विचार कर रही है।
इंदर सिंह परमार – शाजापुर की शुजालपुर सीट से विधायक हैं। सर्वे रिपोर्ट ठीक नहीं आई है। उन्हें जिले की ही कालापीपल सीट से उतारे जाने पर विचार चल रहा है। परमार यहां से पूर्व में विधायक रह चुके हैं।
महेंद्र सिंह सिसोदिया – गुना की बम्हौरी सीट से विधायक हैं। सर्वे रिपोर्ट में इनकी स्थिति ठीक नहीं है। उन्हें फिर टिकट दिया जाए या नहीं, इस पर सहमति नहीं बन पाई है। स्थानीय स्तर पर पार्टी में उनका विरोध भी है।
गौरीशंकर बिसेन – बालाघाट सीट से विधायक हैं। बिसेन चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। वे अपनी बेटी मौसम बिसेन को टिकट देने की पैरवी कर रहे हैं। इसका फैसला हाईकमान को करना है।
5 वरिष्ठ विधायक जिनकी उम्मीदवारी पर फंसा पेंच…
सुरेंद्र पटवा (भोजपुर) – नए चेहरे को मौका देने की तैयारी
रायसेन जिले की भोजपुर सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है। यहां से पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा के दत्तक पुत्र सुरेंद्र पटवा विधायक हैं। यहां से पटवा के साथ ही जोधा सिंह अटवाल और विपिन भार्गव का नाम पैनल में है। अटवाल को सीएम शिवराज का करीबी माना जाता है।
सीतासरन शर्मा (नर्मदापुरम) – एक बड़ा धड़ा विरोध में
इस सीट से डॉ. सीतासरण शर्मा पांच बार के विधायक हैं। इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी का एक बड़ा खेमा परिवार के विरोध में है। दावेदारों में महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष माया नारोलिया, डॉ. राजेश शर्मा, अखिलेश खंडेलवाल और प्रसन्न हरणे हैं। सीतासरन पिछले दो चुनाव लगातार जीतते आए हैं।
पारस जैन (उज्जैन उत्तर) – ब्राह्मण को टिकट पर विचार
बीजेपी यहां से नए चेहरे को मैदान में उतार सकती है। वर्तमान विधायक पारस जैन के रहते महापौर के चुनाव में बीजेपी को इस विधानसभा क्षेत्र से 2018 के विधानसभा चुनाव से 10 हजार वोट कम मिले थे। यहां से ब्राह्मण कोटे से विभाष उपाध्याय और जैन कोटे से बीजेपी के प्रदेश सह कोषाध्यक्ष अनिल जैन कालूखेड़ा के नाम पैनल में हैं।
नीना वर्मा (धार ) – नए चेहरे को मिल सकता है मौका
धार सीट से विधायक नीना वर्मा हैं। इस सीट पर पिछले कई चुनावों से उनके ही परिवार का कब्जा है। यहां से राजू यादव की सशक्त दावेदारी से पेंच फंस गया है। केंद्रीय चुनाव समिति की पिछली बैठक में नीना वर्मा की सीट बदलने पर भी विचार हो चुका है, इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया था।
आकाश विजयवर्गीय (इंदौर 3)- परिवारवाद से बचने कटेगा टिकट
इंदौर एक सीट से राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को पार्टी ने मैदान में उतार दिया है। ऐसे में उनके पुत्र विधायक आकाश विजयवर्गीय का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है। पार्टी परिवारवाद के आरोपों से बचने के लिए उनका टिकट काट सकती है। इंदौर 3 सीट से मंत्री उषा ठाकुर को उतारा जा सकता है।
संभागवार कितनी सीटें होल्ड और क्यों?
ग्वालियर- 3 मंत्रियों सहित 10 विधायकों की सीट पर पेंच
ग्वालियर संभाग की 21 में से 11 सीटों पर भाजपा उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। 10 सीटों पर पेंच फंसा है। इसमें तीन मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, सुरेश धाकड़ व बृजेंद्र सिंह यादव की सीट भी शामिल है। ग्वालियर जिले की बात करें तो दो सीटों ग्वालियर पूर्व और ग्वालियर दक्षिण सीट को होल्ड रखा गया है। ग्वालियर पूर्व से सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल को लेकर संशय है। दरअसल, यहां से पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा की दावेदारी के चलते पेंच फंसा है।
चंबल- जातिगत समीकरण में उलझी 5 सीटें
चंबल संभाग की 13 में से 8 सीटें बीजेपी घोषित कर चुकी है। 5 सीटों पर उम्मीदवार का चयन जातिगत समीकरण के चलते नहीं हो पाया। इसमें मंत्री ओपीएस भदौरिया की मेहगांव (भिंड) की सीट भी शामिल है। मुरैना के दो विधायक सूबेदार सिंह सिकरवार (जौरा ) और कमलेश जाटव (अंबाह) का नाम तीन सूचियों में नहीं आया है। दोनों सीटों पर फैसला नहीं होने की वजह भी जातिगत समीकरण ही है। श्योपुर की एक सीट विजयपुर से नए चेहरे को उतारने की तैयारी है।
शहडोल- बांधवगढ़ से सांसद हिमाद्री को उतारने की तैयारी
शहडोल संभाग की 8 में से 6 सीटों पर उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं। उमरिया की बांधवगढ़ और शहडोल की ब्यौहारी सीट होल्ड है। बताया जा रहा है कि हिमाद्री सिंह को बांधवगढ़ सीट से उतारा जा सकता है। इस सीट पर बीजेपी का ही कब्जा है। यहां से शिवनारायण सिंह ने कांग्रेस के ध्यान सिंह को हराया था, लेकिन जीत का अंतर महज 3903 वोट था। बीजेपी हिमाद्री को ब्योहारी से उतारने पर भी विचार कर रही है। यहां से बीजेपी के शरद कोल विधायक हैं।
रीवा- आधी सीटें होल्ड, सिंगरौली की 3 सीटों पर विवाद
रीवा संभाग की 22 में से 11 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा होना बाकी है। तीन सूचियों में सिंगरौली जिले से एक भी नाम नहीं आया है। इस जिले की तीनों सीटों पर विवाद है, जबकि तीनों सीटें बीजेपी के कब्जे में हैं। मुख्य रूप से सिंगरौली शहर की सीट से विधायक रामलल्लू वैश्य का विरोध है। रीवा की गुढ़ सीट से नागेंद्र सिंह की टिकट पर संशय है। उनकी उम्र (80 वर्ष) टिकट में आड़े आ रही है।
जबलपुर- वारासिवनी से प्रदीप, बालाघाट से मौसम पर विचार
जबलपुर संभाग की 38 में से 28 सीटों पर उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं। बालाघाट से मंत्री गौरीशंकर बिसेन की जगह बेटी मौसम बिसेन को टिकट मिल सकता है। वारासिवनी से प्रदीप जायसवाल पर दांव लगाने की तैयारी है। जायसवाल पिछला चुनाव निर्दलीय जीते थे। कमलनाथ सरकार ने उन्हें मंत्री बनाया था, जबकि मौजूदा शिवराज सरकार में वे खनिज निगम के अध्यक्ष हैं। जबलपुर जिले की 8 में से 6 सीटों पर नाम घोषित हो चुके हैं। 2 सीटें जबलपुर उत्तर और सिहोरा पर फैसला होना बाकी है।
नर्मदापुरम- मंत्री विजय शाह के भाई संजय की सीट होल्ड
नर्मदापुरम संभाग की 11 में से 6 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा हो चुकी है। 5 सीटों पर उम्मीदवारों के चयन पर पेंच फंसा है। नर्मदापुरम सीट से सीतासरन शर्मा को टिकट देने का स्थानीय नेता विरोध कर रहे हैं। उनके छोटे भाई गिरिजाशंकर शर्मा हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। यदि कांग्रेस उन्हें टिकट देती है तो सीतासरन का पत्ता कट सकता है। हरदा की टिमरनी सीट को होल्ड रखा गया है। यहां से वन मंत्री विजय शाह के भाई संजय शाह विधायक हैं। विजय शाह को टिकट मिल चुका है। ऐसे मे संजय शाह की उम्मीदवारी पर संशय है।
इंदौर- 8 विधायकों का टिकट होल्ड, आकाश की सीट पर उषा
इंदौर संभाग की 37 में से 16 सीटों पर टिकट घोषित होना बाकी है। इसमें से 8 सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं। इंदौर जिले से ही मंत्री उषा ठाकुर (मऊ) और विधायक आकाश विजयवर्गीय की सीट (इंदौर -3) होल्ड पर रखी गई है। कैलाश विजयवर्गीय के मैदान में उतरने के बाद आकाश का टिकट कटने की संभावना है। इस सीट पर उषा ठाकुर ने दावा पेश कर दिया है।
निर्दलीय के कब्जे वाली बुरहानपुर के साथ ही मनावर और खरगोन सीट पर बीजेपी को उम्मीदवार तय करना बाकी है। खरगोन की भगवानपुरा सीट से सांसद गजेंद्र पटेल को उतारने की तैयारी है। खंडवा की चार में से तीन सीटों पर एक से ज्यादा दावेदार होने के कारण फिलहाल रोका गया है।
उज्जैन- उत्तर में ब्राह्मण-जैन पर विचार, रतलाम में सीटें होल्ड
उज्जैन संभाग की 29 में से 16 सीटों पर उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं। 13 सीटों पर फैसला बाकी है। पार्टी अब उज्जैन उत्तर सीट से पूर्व मंत्री पारस जैन की जगह नए ब्राम्हण या जैन उम्मीदवार को मौका देना चाहती है। रतलाम की 5 में से 3 सीटों पर उम्मीदवार को लेकर अब भी असमंजस है।
सागर- 11 सीटें होल्ड, सपा से आए विधायक को भी आस
सागर संभाग की 26 में से 15 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हुई है। 11 सीटें अब भी होल्ड हैं। इसमें 7 बीजेपी के मौजूदा विधायक हैं। सपा से बीजेपी में आए बिजावर विधायक राजेश शुक्ला को भी टिकट का इंतजार है। सागर जिले की 8 में से 7 सीटें घोषित हो चुकी हैं। दमोह से पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्वार्थ और कांग्रेस से बीजेपी में आए राहुल लोधी के बीच टिकट फंसा है।
भोपाल- विदिशा की 4 सीटें होल्ड, भोपाल दक्षिण-पश्चिम पर पेंच
भोपाल संभाग की 25 में से 11 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हो पाई है। भोपाल शहर की पश्चिम-दक्षिण सीट पर दो दावेदारों के बीच मुकाबला है। यहां से राहुल कौठारी व डा. अभिजीत देशमुख में से किसी पर फैसला हो सकता है। राजगढ़ जिले की 5 में से 4 सीटें होल्ड पर हैं। सीहोर की आष्टा पर फैसला नहीं हो पाया है। यहां से रघुनाथ सिंह मालवीय बीजेपी विधायक हैं।